Google Pay पहले Tez हुआ करता था. गूगल ने अपने पेमेंट ऐप में एक बड़ा बदलाव का ऐलान किया है. ये बदलाव प्राइवेसी के लिहाज से बेहतरीन है. Google Pay ऐप से यूजर जल्द ही अपनी ट्रांजैक्शन हिस्ट्री को डिलीट कर सकेंगे. इस फीचर को Google Pay के नए अपडेट के साथ जारी किया जाएगा. इस अपडेट के आने से Google Pay के ट्रांजैक्शन हिस्ट्री पर यूजर का पहले से ज्यादा कंट्रोल रहेगा. इस फीचर को प्राइवेट डेटा का मिसयूज होने से बचाने के लिए लाया जा रहा है. इसे मर्चेंट के लिए जारी नहीं किया जाएगा. Google Pay के इस फीचर से यूजर अपने लास्ट 10 यूपीआई ट्रांजैक्शन को डिलीट या टोकननाइज्ड कर सकते है. इससे इन ट्रांजैक्शन का ऐक्सेस गूगल को नहीं मिल पाएगा. क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड टोकननाइज्ड एक प्रोसेस होता है, जिससे कंपनी के इंटरनल नेटवर्क से सेंसिटिव डेटा को हटा दिया जाता है. इसमें डेटा को किसी और डेटा से रिप्लेस कर दिया जाता है. जैसे मान लिजिए आपका कार्ड नबंर 1234-5678-9012-3456 है. इसे टोकन में बदलने के बाद ये KRI9955ISH20NA जैसा कुछ हो जाएगा. जिस वजह से आपका डेटा सिक्योर रहेगा.
UPI के अलावा कंपनी यूजर को कॉन्टैक्टलैस कार्ड ट्रांजैक्शन करने की भी सुविधा देगी. इसके लिए भी टोकननाइज्ड डेबिट या क्रेडिट कार्ड का यूज किया जाएगा. जो उनके स्मार्टफोन से लिंक रहेंगे. Google Pay के नए अपडेट के बाद यूजर इस तरह के ट्रांजैक्शन की हिस्ट्री को डिलीट भी कर पाएंगें. गूगल उन डेटा को ही स्टोर कर के रखेगा जो ट्रांजैक्शन के लिए जरूरी होगा. भारतीय कानून के अनुसार गूगल पे एक थर्ड पार्टी इंटरमीडियरी है. इस वजह से लाइसेंस्ड पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर की तरह काम नहीं कर सकता है. ज्यादातर यूपीआई ऐप्स इसी कानून की वजह से फंड्स को मैनेज नहीं कर सकते है. इनका रोल सिर्फ ट्रांजैक्शन के लिए सुविधा देना है. जनवरी की रिपोर्ट के अनुसार गूगल-पे 853 मिलियन ट्रांजैक्शन के साथ देश में फोन-पे के बाद दूसरे स्थान पर था. फोन-पे पर 968 मिलियन ट्रांजैक्शन हुए थे.