सुप्रीम कोर्ट की ओर से धरने पर बैठे पहलवानों को तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मामले में आगे की सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि पहलवानों की ओर से एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी। अब इस मामले में पुलिस दो एफआईआर दर्ज कर चुकी है, ऐसे में आगे की सुनवाई बंद की जाती है। अब कोई भी मामला आता है तो पहलवान मजिस्ट्रेट या दिल्ली हाईकोर्ट जा सकते हैं।
चीफ जस्टिस की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि याचिका का उद्देश्य FIR को लेकर था जो दर्ज हो चुकी है। आज की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने महिला पहलवानों की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
तुषार मेहता ने कहा कि धरना स्थल पर पहलवानों का सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराई गई है। तीन असलहाधारी पुलिसमैन उनकी सुरक्षा के लिए जंतर-मंतर पर तैनात हैं। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने पूछा कि एफआईआर दर्ज करने के बाद मजिस्ट्रेट के सामने आरोपी को पेश करने की कार्रवाई की गई? सवाल का जवाब देते हुए मेहता ने कहा कि जांच चल रही है।
दूसरी ओर से बृजभूषण की ओर से वकील हरीश साल्वे कोर्ट में पेश हुए। साल्वे ने अपनी दलील देते हुए कहा कि कुश्ती संघ अध्यक्ष के खिलाफ कोई मामला ही नहीं बनता है। मामले की सुनवाई के दौरान हमारा पक्ष सुना ही नहीं गिया और एकपक्षीय आदेश दे दिया गया।