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चंपावत में हुई अति वर्षा से आपदा प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों का सीएम धामी ने किया हवाई सर्वेक्षण

उत्तराखंड के चंपावत में अति वर्षा के कारण कई क्षेत्र प्रभावित हो गए है। इसी बीच राज्य के सीएम धामी ने बीते शनिवार को आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसी के साथ सीएम ने शीघ्र राहत कार्य हेतु संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए।

सीएम धामी ने विभिन्न क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण
जानकारी के अनुसार बीते शनिवार को सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वाधिक आपदा प्रभावित क्षेत्र सरयू घाटी,काली घाटी,पंचेश्वर घाटी, रौसाल तथा तामली आदि विभिन्न क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसी के साथ बनबसा (नेपाल) में बन रहे ड्राई पोर्ट में जलभराव की समस्या के स्थाई समाधान हेतु एनएचएआई (NHAI) के अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। साथ ही आपदा से क्षतिग्रस्त हुए सड़क मार्गों एवं पुलों को ठीक करने हेतु किए जा रहे कार्यों की भी विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने क्षतिग्रस्त मार्गों, पेयजल एवं विद्युत लाइनों को यथाशीघ्र बहाल करने तथा वैकल्पिक तौर पर उरेडा द्वारा सौर ऊर्जा से विद्युत व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

सीएम ने अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
सीएम धामी ने एनएचपीसी गेस्ट हाउस बनबसा में जिले के सभी अधिकारियों के साथ आपदा प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि इस आपदा में हुई जनहानि बेहद दुखद है। ऐसे में सरकार आपदा प्रभावितों और उनके परिजनों के साथ है। उन्होंने अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही न करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि इन कार्यों में लापरवाही करने वालों को किसी भी हालत पर बक्शा नहीं जाएगा। इस दौरान जगह जगह बंद चंपावत पिथौरागढ़ नेशनल को जल्द खोलने हेतु एनएच के अधिकारियों को निर्देशित किया। धामी ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिससे कि लोगों को उचित मुआवजा मिल सके।

“प्रभावितों को राहत राशि देना सरकार की प्राथमिकता”
धामी ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में लगातार हो रही आपदा को देखते हुए देश के प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के लिए आपदा राशि  200 गुना बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को तत्काल राहत राशि प्रदान कर उनकी मदद करना सरकार की प्राथमिकता है। सीएम ने जिलाधिकारी व सिंचाई विभाग को शारदा नदी, हुड्डी नदी एवं किरोड़ा नाला से हो रहे नुकसान के स्थाई समाधान हेतु प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए।