पाकिस्तान, म्यांमार और बांग्लादेश से आए पीड़ित प्रवासियों को सिंचाई विभाग में नौकरी मिल सकेगी। इसके लिए सरकार नियमों में बदलाव कर रही है। बाकी आवेदकों के लिए यूपी का स्थाई निवासी होना अनिवार्य होगा।
केंद्र सरकार की नौकरियों में तैनात लोगों के बच्चे भी आवेदन कर सकेंगे, बशर्ते वे उतर प्रदेश की सीमा में लगातार न्यूनतम 3 साल से निवास कर रहे हों। सिंचाई विभाग में शीघ्र ही सींचपाल, सींच पर्यवेक्षक और जिलेदार के सैकड़ों पद भरे जाने हैं।
इन पदों पर दूसरे देशों से आने वाले भारतीय मूल के नागरिकों को भी भर्ती का मौका दिया जाएगा। सरकार के निर्देश पर सिंचाई मुख्यालय ने इस बारे में प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
इसके तहत पाकिस्तान, बर्मा, बांग्लादेश के अलावा श्रीलंका और पूर्वी अफ्रीका के केन्या, युगांडा और तंजानिया से विस्थापित होकर आए वे नागरिक भी आवेदन कर सकेंगे, जो भारत में स्थाई रूप से निवास करने के इरादे से आए हों। नागरिकता संशोधन संबंधी नया कानून (सीएए) आने के बाद इस तरह के प्रावधान प्रस्तावित करने वाला सिंचाई विभाग पहला विभाग है।
इन देशों से आए पीड़ित लोगों के अलावा शेष सभी आवेदकों के लिए उतर प्रदेश का स्थाई निवासी होना अनिवार्य होगा। अभी तक इन पदों के लिए किसी भी राज्य का नागरिक आवेदन कर सकता था। इसके अलावा ऐसा कोई भी नागरिक जिसके पिता केंद्र सरकार के विभाग में कार्यरत हैं और एक राज्य से दूसरे राज्य में उनका ट्रांसफर हो सकता है, वे भी आवेदन कर सकेंगे।
बशर्ते, उन्हें उतर प्रदेश में आवेदन की तिथि को रहते हुए 3 वर्ष हो चुके हों। शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, इन बदलावों को शीघ्र ही सरकार की हरी झंडी मिल जाएगी। संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में रखे जाएंगे।