मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा परिसर (Uttarakhand Assembly Complex) का माहौल अजब था. कांग्रेस के दो-दो विधायक धरने पर बैठे थे. सीमांत जिले पिथौरागढ़ में नेटवर्किंग की समस्या को लेकर कांग्रेस विधायक हरीश धामी धरने पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्र में कनेक्टिविटी की समस्या दूर करने के लिए एक साल पहले समकोट में बीएसएनएल के माध्यम से मोबाइल टावर लगाया गया है. लेकिन अभी तक टावर को चालू नहीं किया गया.
धामी ने कहा कि सीमांत जिला पिथौरागढ़ के समकोट, तल्ला जौहार, सुलनाली समेत 10 गांवों के लोग सिगनल न होने से कनेक्टिविटी की समस्या से जूझ रहे हैं. इसके लिए 2016 में दिल्ली के जंतर-मंतर पर भी आंदोलन किया.
विधायक निधि से मोबाइल टावर लगाने के लिए 26.50 लाख रुपए की राशि दी है. टावर का काम एक साल पहले पूरा हो चुका है. लेकिन अभी तक इसे चालू नहीं किया गया. सरकार इस पर गंभीर नहीं है. इससे नाराज विधायक ने विधानसभा में धरना दिया.
उधर, केदारनाथ विधायक मनोज रावत भी चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए. सीएम जब विधानसभा पहुंचे तो उन्होंने खुद धरनास्थल पर जाकर दोनों विधायकों को मनाया.
इसके बाद सीएम ने उन्हें अपने कक्ष में आमंत्रित किया. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि धारचूला क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए जल्द से जल्द आवश्यक कार्रवाई की जाए. इसके लिए केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया जाए. वहीं, चारधाम यात्रा को लेकर सीएम ने कहा कि यात्रा के संबंध में राज्य सरकार ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा है. न्यायालय के निर्णय के बाद ही कुछ स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.