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CM केसीआर को हाईकोर्ट से झटका, केंद्र के मुताबिक गणतंत्र दिवस समारोह मनाने के निर्देश

गणतंत्र दिवस समारोह (republic day celebration) को लेकर तेलंगाना (Telangana) और केंद्र सरकार (central government) के बीच विवाद (dispute) चरम पर पहुंच गया है। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा, जहां सुनवाई के दौरान राज्य को केंद्रीय नियमों के अनुसार गणतंत्र दिवस समारोह को मनाने के लिए कहा है। आपको बता दें कि पिछले साल की तरह मुख्यमंत्री गणतंत्र दिवस समारोह को छोटे स्तर पर मनाना चाहते थे।

पहले सिकंदराबाद के परेड ग्राउंड में और बाद में नामपल्ली के पब्लिक गार्डन में बहुत धूमधाम से गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित किए जाते थे। राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन के साथ संबंध तनावपूर्ण होने के बाद इस समारोह को कम धूमधाम से मनाया जाने लगा। यह लगातार दूसरा साल है जब मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने राज्यपाल को गणतंत्र दिवस पर गार्ड ऑफ ऑनर देने से इनकार कर किया है। सीएम केसीआर ने राज्यपाल से राजभवन में कार्यक्रम आयोजित करने के लिए कहा। हालांकि, वह प्रगति भवन में इसका आयोजन करना चाहती हैं।

केसीआर के इस कदम के विपक्षी बीजेपी ने आलोचना की है। तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार ने कहा, “यह शर्मनाक है कि कोरोनो के नाम पर प्रतिबंध केवल गणतंत्र दिवस समारोह पर लागू होता है। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों की सार्वजनिक सभाओं में इसे लागू नहीं किया जाता है।” उन्होंने आगे कहा, ”केसीआर लोकतंत्र और संविधान में विश्वास नहीं करते हैं। वह राज्य में केवल कल्वाकुंतला संविधान लागू करना चाहते हैं। इसलिए वह राज्यपाल की संस्था को समाप्त करने और संविधान के फिर से लिखने की वकालत कर रहे हैं।”

प्रोटोकॉल के मुताबिक गणतंत्र दिवस का आयोजन नहीं करने के खिलाफ बुधवार को तेलंगाना हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई थी। याचिका पर पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य को प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। इस आदेश के बाद संजय कुमार ने कहा कि अगर केसीआर संविधान और कोर्ट का सम्मान करते हैं तो उन्हें परेड ग्राउंड में एक भव्य गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित करना चाहिए।

तीन साल के कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गवर्नर ने केसीआर पर भेदभाव करने और 75वें स्वतंत्रता दिवस समारोह पर तिरंगा फहराने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि केसीआर को एक महिला राज्यपाल के साथ भेदभाव करने के लिए याद किया जाएगा।