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Chanakya Niti : अपने शत्रु से कभी घृणा नहीं करनी चाहिए, चाणक्‍य नीति में किया गया है इन बातों का उल्लेख

आचार्य चाणक्य की बातें सुनने कई बार बेहद  कठोर सी प्रतीत होती हैं, लेकिन वो वर्तमान की  वास्तविकता की कसौटी पर  पूरी तरह से खरी उतरती हैं. आचार्य ने आज के वक्त को लेकर जो भी बातें कहीं थीं, वो सही होती नजर आ रही हैं. उनकी कही हर एक बात में जीवन का गूढ़ रहस्य छिपा है.आचार्य के ग्रंथ नीति शास्त्र में उन्होंने धर्म, समाज, राजनीति, धन आदि तमाम विषयों के बारे में काफी कुछ कहा है, जो हर व्यक्ति को सही और गलत का भेद बताता है.

आचार्य चाणक्य की नीतियां को अगर ध्यान में रखा जाए तो इंसान जीवन की हर चुनौती का सामना कर सकता है. चाणक्य राजनीति और अर्थशास्त्र के ज्ञाता थे. आचार्य की बातों को यदि समझ लें तो जीवन की तमाम मुश्किलों को आसानी से हल किया जा सकता है. आपको बता दें कि चाणक्य नीति में मानव-समाज से संबंधित हर चीज के बारे में जिक्र किया गया है. तो चलिए जानते हैं चाणक्य की उन नीतियों  के बारे में-

जानिए क्या है आचार्य चाणक्य ने कहा

चाणक्य नीति के मुताबिक जो भी इंसान अपनी प्रेमिका या फिर पत्नी को एक सुरक्षा का अहसास करवाता है, उन दोनों के बीच जीवम में प्रेम कभी कम नहीं होता है. क्योंकि हर एक स्त्री अपने पति में पिता का स्वरूप देखती है.

आपका दुश्मन हमेशा आपको उकसाने का काम करेगा, ताकि आपको क्रोध आए. क्योंकि  क्रोध में इंसान की ताकत और सोचने समझने की शक्ति आधी हो जाता है. जिसका फाफदा आपके शत्रु को मिलता है. शत्रु के उकसाने पर हमेशा शांत ही रहें और सही समय आने पर अपना रिएक्शन पेश करें.

इतना ही नहीं चाणक्य नीति के मुताबिक जहां पर भी मान-सम्मान न हो, रोजगार की व्यवस्था नहीं हो, शिक्षा नहीं हो, , वहां घर नहीं बनाना चाहिए. ऐसी जगहों से दूरी रखनी चाहिए.

इतना ही नहीं एक बुद्धिमान इंसान को कभी भी अपनी आर्थिक तंगी की चर्चा किसी दूसरे से नहीं करनी चाहिए. अगर आप आर्थिक नुकसान से गुजर रहे हैं, तो इस बात को खुद तक सीमित रखें.