ओलंपिक के मंच पर भारतीय हॉकी टीम की हमेशा धाक रही है। टोक्यो से पहले कहीं न कहीं टीम ये विरासत खो चुकी थी लेकिन एक बार फिर भारतीय हॉकी टीम का दौर लौट चुका है। अब उसके निशाने पर गोल्ड है, हालांकि ये राह इतनी आसान नहीं है। सेमीफाइनल मुकाबले में विश्व चैंपियन जर्मनी से मुश्किल भरी चुनौती है।
टोक्यो ओलंपिक में भारत ने जर्मनी को ही हराकर ब्रॉन्ज जीता था और अब भारत के पास फिर जर्मनी को हराकर नया इतिहास रचने का मौका है। इस ओलंपिक में भारत की लय शानदार रही है और वो गोल्ड के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
भारत ने छह में से अपने पांच मैच जीते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण पीआर श्रीजेश की स्मार्ट गोलकीपिंग और भारतीय खिलाड़ियों की पेनल्टी कार्नर को गोल में बदलने का कन्वर्जन रेट है। पहले के मुकाबले भारतीय टीम ने इनमें काफी सुधार किया है।
जर्मनी और भारत के बीच मुकाबला अब तक कांटे की टक्कर का रहा है। हर मैच के अंतिम समय तक दोनों टीम लड़ती नजर आईं है। भारत के लिए मंगलवार को जर्मनी के खिलाफ इस महत्वपूर्ण मुकाबले में सबसे बड़ी चुनौती उसके डिफेंस से पार पाना होगा, इसलिए भारतीय मिडफील्डर की भूमिका अहम रहेगी।
आंकड़ों की बात करें तो भारत का पलड़ा जर्मनी के खिलाफ मजबूत है। भारत और जर्मनी के बीच अब तक 18 मैच खेले गए हैं, जिसमें भारत ने 8 मैच जीते हैं और जर्मनी ने 6 मैच जीते हैं। 4 मैच ड्रॉ रहे। हालांकि, दोनों का पिछला मैच प्रो-लीग में हुआ था, जहां जर्मनी ने 3-2 से बाजी मारी थी।
भारत ने आखिरी गोल्ड 1980 में मॉस्को ओलंपिक में जीता था। इस बार भारत के पास 44 साल का सूखा खत्म करने का मौका है। अगर भारत सेमीफाइनल जीत जाता है तो उसका सिल्वर पक्का हो जाएगा, जो टीम ने 1960 में रोम ओलंपिक में जीता था।
पेरिस ओलंपिक 2024 में हॉकी इवेंट के लिए चार टीमें सेमीफाइनल में पहुंची हैं। जिसमें भारत, जर्मनी, नीदरलैंड, और स्पेन है। दोनों सेमीफाइनल मैच 6 अगस्त को खेला जाना है। स्पेन और नीदरलैंड के बीच मैच भारतीय समयानुसार शाम 5:30 बजे खेला जाएगा।
भारत और जर्मनी के बीच मुकाबला भारतीय समयानुसार रात 10:30 बजे शुरू होगा। इस मैच में भारतीय हॉकी टीम को स्टार डिफेंडर अमित रोहिदास की कमी खलेगी।इंटरनेशनल फेडरेशन ने उन पर एक मैच का बैन लगा दिया है।