तमिलनाडु में हेलिकॉप्टर क्रैश (Helicopter Crash) का शिकार हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर भारतीय सेना के जहाज से गुरुवार शाम तक दिल्ला लाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, रावत और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार शुक्रवार को दिल्ली कैंट में होगा. तमिलनाडु में कुन्नूर के नजदीक बुधवार को हेलिकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य जवानों की मौत हो गई.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीर को शुक्रवार को उनके घर लाया जाएगा और लोगों को सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक श्रद्धांजलि देने की अनुमति दी जाएगी. इसके बाद कामराज मार्ग से दिल्ली कैंट के बरार स्क्वायर श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा निकाली जाएगी.
सीडीएस रावत वेलिंगटन में डिफेंस स्टाफ कॉलेज के छात्रों को संबोधित करने जा रहे थे. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जनरल रावत सुबह 8:47 बजे दिल्ली के पालम एयरबेस से भारतीय वायुसेना के एम्बरर विमान से रवाना हुए थे और सुबह 11:34 बजे सुलुर एयरबेस पर पहुंचे थे. सुलुर से उन्होंने वायुसेना के Mi-17V5 हेलिकॉप्टर से करीब 11:48 बजे वेलिंगटन के लिए उड़ान भरी. उन्होंने बताया कि हेलिकॉप्टर दोपहर 12:22 बजे क्रैश हुआ था.
दुर्घटना में इन 11 जवानों ने भी गंवाई जान
दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोगों में ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर, सीडीएस के सैन्य सलाहकार एवं स्टाफ अफसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह शामिल हैं. अन्य कर्मियों में शामिल हैं… विंग कमांडर पी. एस. चव्हाण, स्क्वाड्रन लीडर के. सिंह, जेडब्ल्यूओ दास, जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए., हवलदार सतपाल, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेन्द्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार और लांस नायक सई तेजा.
भारतीय वायुसेना ने दुर्घटना की जांच के लिए ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ का आदेश दिया है. वायुसेना ने एक ट्वीट में कहा, “बहुत ही अफोसस के साथ अब इसकी पुष्टि हुई है कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और 11 अन्य की मृत्यु हो गई है.”
31 दिसंबर 2019 को पहले सीडीएस बने थे जनरल रावत
जनरल रावत तीनों सेनाओं के महत्वाकांक्षी आधुनिकीकरण की योजना को लागू करने का काम देख रहे थे ताकि सशस्त्र बलों में समन्वय बनाया जा सके और उनकी लड़ाकू क्षमता को बढ़ाया जा सके. फिलहाल कोई सूचना नहीं है कि सरकार तत्काल नए प्रमुख रक्षा अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी या नहीं.
जनरल रावत 17 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक भारतीय थल सेना के प्रमुख थे. उन्हें 31 दिसंबर 2019 को देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया था. इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर रहते हुए छह साल पहले 2015 में जनरल रावत एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में बाल-बाल बच गए थे.