उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को 91 प्रत्याशियों की एक और सूची जारी कर दी। इसके साथ ही भाजपा के 294 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हो चुकी है। नई सूची के बाद यह बात साफ हो गई है कि भाजपा किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। स्वामी प्रसाद मौर्या के जाने के बाद भाजपा में हुई भगदड़ से पार्टी उबर नहीं पायी है। टिकट बंटवारे में स्वामी प्रसाद मौर्या के भगदड़ का फैक्टर देखा जा सकता है। स्वामी प्रसाद मौर्य समेत तीन मंत्रियों और कई विधायकों के पाला बदलने का असर भी नई लिस्ट में साफ दिख रहा है। पार्टी ने अपने पुराने मंत्रियों पर भरोसा जताया है और सभी को टिकट दिये हैं।
पार्टी सत्ता विरोधी लहर और दूसरे दलों की सेंधमारी का खतरा बढ़ गया है। विधायकों को भी बदलने से परहेज किया गया है। एक दो ही विधायकों को बदला गया है। नए चेहरों में सबसे प्रमुख चेहरा प्रदेश प्रवक्ता शलभमणि त्रिपाठी हैं जिन्हें देवरिया से टिकट दिया गया है। लखनऊ और वाराणसी की सीटों की लिस्ट अभी नहीं आई है लेकिन अयोध्या से प्रत्याशी घोषित हो गया है। वहां से वेद प्रकाश गुप्ता को प्रत्याशी बनाया गया है। जिन मंत्रियों को इस लिस्ट में स्थान मिला है उनमें इलाहाबाद पश्चिम से मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, इलाहाबाद दक्षिण से मंत्री नंद कुमार नंदी, इटवा से मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी को टिकट दिया गया है। पथरदेवा से मंत्री सूर्य प्रताप शाही, बलिया की फेफना से मंत्री उपेंद्र तिवारी, जौनपुर से मंत्री गिरीश चंद्र यादव को दोबारा मैदान में उतारा गया है।
मंत्री सुरेश पासी को जगदीशपुर सुरक्षित, मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह मोती को पट्टी, पूर्व मंत्री अनुपमा जायसवाल को बहराइच, मंत्री रमापति शास्त्री को मनकापुर से टिकट दिया गया है। इसके अलावा मंत्री जय प्रताप सिंह को बंसी, जयप्रकाश निषाद को रुद्रपुर से टिकट मिला है। गोसाईगंज से आरती तिवारी, बीकापुर से अमित सिंह, रुदौली से रामचंद्र यादव व मिल्कीपुर से बाबा गोरखनाथ को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने अयोध्या जनपद में गठबंधन को तरजीह नहीं दी है। बीकापुर से निषाद पार्टी से बबलू सिंह टिकट की मांग कर रहे थे।