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BJP से विधायकों का पलायन तेज, दो दिनों में सातवें MLA का इस्तीफा, मुकेश वर्मा भी हुए मौर्या के साथ

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सुरक्षित आशियाना खोजना का दौर विधायकों में तेज हो गया है। बीजेपी के एक और विधायक मुकेश वर्मा ने गुरुवार को इस्तीफा दे दिया है। विधायक मुकेश वर्मा ने इस्तीफे के साथ ही कहा है कि मेरे नेता स्वामी प्रसाद मौर्या हैं। उन्होंने भारतीय जनता पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी में दलितों अल्पसंख्यकों को तवज्जों नहीं मिली, इसलिए वे इस्तीफा दे रहे हैं।


भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेजे पत्र में मुकेश वर्मा ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने अपने पूरे 5 साल के कार्यकाल के दौरान दलित, पिछड़ों और अल्पसख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी है। उन्हें उचित सम्मान दिया गया। सम्मान और महत्व नहीं दिये जाने से उन्हें भाजपा का साथ छोड़ना पड़ रहा है।

फिरोजाबाद की शिकोहाबाद सीट से इस्तीफा देने वाले बीजेपी विधायक मुकेश वर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने बाबा साहब अंबेडकर के बनाए संविधान की व्यवस्थाओं पर कुठाराघात किया है। न तो दलितों का हित, न शोषितों का हित, न पिछड़ों का हित, न अल्पसंख्यक का हित, केवल और केवल अपने हित में लगे हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने सिर्फ अपना हित देखा है लोगों से दूर हो गयी है।

मुकेश वर्मा ने कहा कि भाजपा ने केवल और केवल 5 वर्ष में अपना विकास किया है, अपना हित किया है। उन्होंने कहा कि 70 साल में जितने बीजेपी के ऑफिस नहीं बने उससे ज्यादा अब बन गये हैं। उन्होंने कहा कि एक जिले में दो-दो ऑफिस बनवाए गए हैं। भाजपा ने सिर्फ अपना विकास किया है, गरीबों का नहीं। गरीब, दलित आज भी परेशान हैं। मुकेश वर्मा ने कहा कि संवैधानिक प्रक्रियाओं के तहत कोई बात कही जाती है तब लोग सुनते हैं, भरोसा करते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्या जहां जाएंगे, जहां कहेंगे, उत्तर प्रदेश के 23 करोड वोटर के लिए जो भी निर्णय लेंगे, वह निर्णय हमें स्वीकार होगा।

मुकेश वर्मा ने पत्र में लिखा कि प्रदेश सरकार की ओर से दलितों, पिछड़ों, किसानों व बेरोजगार नौजवानों की उपेक्षा की गई है। प्रदेश सरकार के ऐसे कूटनीतिपरक रवैये के कारण मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। स्वामी प्रसाद मौर्य शोषित पीड़ितों की आवाज हैं और वे हमारे नेता हैं. मैं उनके साथ हूं।

मुकेश वर्मा का राजनीतिक सफर

डॉ. मुकेश वर्मा उत्तर प्रदेश की शिकोहाबाद विधान सभा 2012 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे जिसमें उनको सपा प्रत्याशी ओमप्रकाश वर्मा ने 43994 वोट से हरा दिया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में डॉ मुकेश वर्मा ने बसपा छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा था। भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 2017 के विधान सभा चुनाव में इन्होंने अपने निकटम प्रतिद्वंदी एवं समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी डॉक्टर संजय कुमार यादव को 10777 वोटों से हराया।

ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद बीजेपी को पिछले 2 दिन में एक के बाद एक कर कई बड़े झटके लगे। इसी कड़ी में बुधवार को ओबीसी नेता दारा सिंह  ने योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। दारा सिंह पिछले 2 दिन में इस्तीफा देने वाले 6वें नेता हैं. हालांकि, इस दौरान एक कांग्रेस विधायक और एक सपा विधायक बीजेपी में शामिल भी हुए हैं।