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BJP नेता किरीट सोमैया पर लटकी गिरफ्तारी की तलवार, 57 करोड़ हेराफेरी का आरोप

आईएनएस विक्रात मामले (INS Vikrant cheating case) में बीजेपी नेता किरीट सोमैया (Kirit Somaiya) के सामने मुश्किल खड़ी हो गई है। मुंबई सेशन कोर्ट (Mumbai Sessions Court) ने किरीट सोमैया की गिरफ्तारी से पहले जमानत याचिका खारिज (bail application rejected) कर दी है। किरीट सोमैया पर आईएनएस विक्रांत के नाम पर 57 करोड़ रुपये चंदा जमा करने का आरोप है। इस मामले में ट्रोंबे पुलिस थाने में किरीट सोमैया के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

आरोप है कि किरीट सोमैया ने आईएनएस विक्रांत को स्क्रैप बनने से बचाने के नाम पर 57 करोड़ रुपये चंदा जमा किया जिसका बाद में कोई हिसाब-किताब नहीं दिया गया। गिरफ्तारी से पहले जमानत याचिका की मांग खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा- तस्वीरों में किरीट सोमैया और बीजेपी के कार्यकर्ता चंदा लेते हुए साफ दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा वो चिट्ठी भी सामने है जिसमें आपने पैसे जमा करने की इच्छा जताई थी जो बाद में जमा नहीं किए गए।

57 करोड़ की हेराफेरी का आरोप
किरीट सोमैया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद उनके वकील अशोक मुदरगी ने हाई कोर्ट में जमानत की अपील करने तक गिरफ्तारी पर रोक लगाने का अनुरोध किया लेकिन कोर्ट ने उसे भी खारिज कर दिया। हालांकि कोर्ट ने किरीट सोमैया के बेटे नील की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसले को बदला है, ऑर्डर की कॉपी मंगलवार तक आने की उम्मीद है। ट्रोंबे पुलिस ने गुरुवार को किरीट सौमेया और उनके बेटे नील के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। सोमैया और उनके बेटे पर INS विक्रांत को स्क्रैप में जाने से बचाने और उसे म्यूजियम में रखने के लिए 57 करोड़ रुपये चंदा जमा करने का आरोप है।

9 साल बाद क्यों हुई FIR?
इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए किरीट सोमैया ने सेशंस कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अग्रिम जमानत की मांग की थी। सोमैया ने याचिका में कहा था कि उनके खिलाफ लगे आरोप झूठे और आधारहीन हैं। किरीट सोमैया के वकील ने कोर्ट में दलील रखी कि ये मामला पुराना है। उन्होंने कहा कि हर पॉलीटिकल पार्टी ने ये कैंपेन शुरू किया था जिसपर 9 साल बाद एफआईआर दर्ज की गई है। मुंदारगी ने कहा कि किरीट सोमैया ने 11 हजार रुपये चंदा जमा किया था जो उन्होंने अपनी पार्टी बीजेपी में जमा करा दिया था।

किरीट सोमैया के बयान का हलावा
सरकारी अभियोजक प्रदीप घरत ने इस दलील का विरोध करते हुए कहा कि माना जाता कि किरीट सोमैया ने बहुत बड़ा अमाउंट चंदे के तौर पर जमा किया था जो 57 करोड़ बैठता है। पुलिस इस मामले की छानबीन कर रही है कि ये पैसा कहां गया? घरत ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट का जिक्र करते हुए कहा कि किरीट सोमैया ने 13 दिसंबर 2013 को लिखा था कि उन्होंने गवर्नर से मुलाकात कर उनसे अनुरोध किया है कि वो विक्रांत को बचा लें। उन्होंने आगे लिखा था कि विक्रांत को म्यूजियम में बचाकर रखने के लिए मुंबईकर 140 करोड़ रुपये तक चंदा जमा करने को तैयार हैं जबकि करियर को बचाने के लिए सिर्फ 7 करोड़ रुपये की जरूरत है।