पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (TMC) का दामन थाम लिया. इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर आरोप भी लगाए. सिन्हा ने कोलकाता स्थित टीएमसी भवन में सदस्यता ली. सिन्हा के टीएमसी में शामिल होने से बीजेपी को झटका लगा है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सिन्हा वित्त और विदेश मंत्रालय का जिम्मा संभाल चुके है. सिन्हा ने 2018 में पार्टी छोड़ी थी और ऐसे में उनका टीएमसी में शामिल होना हर किसी को हैरान कर रहा है. टीएमसी की सदस्यता लेने के बाद यशवंत सिन्हा ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि, मैं पार्टी पॉलिटिक्स से अलग हो गया था मगर आज हमारे देश के मूल्य खतरे में हैं और उनका अनुपालन नहीं हो रहा. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार की मनमानी को कोई अंकुश लगाना वाला नहीं है.
बहुमत के साथ होगी सत्ता वापसी
पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने चुनाव में टीएमसी की सत्ता वापसी की उम्मीद जताते हुए कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं है कि तृणमूल कांग्रेस बहुत बड़े बहुमत के साथ सत्ता में वापस आएगी.बंगाल से पूरे देश में एक संदेश जाना चाहिए कि जो कुछ मोदी और शाह दिल्ली से चला रहे हैं, अब देश उसको बर्दाश्त नहीं करेगा.’ वहीं सिन्हा के पार्टी में शामिल होने पर पार्टी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने उनका स्वागत किया.
चुनाव आयोग पर आरोप
बीजेपी पार्टी में रह चुके सिन्हा ने मोदी और शाह के साथ-साथ चुनाव आयोग पर भी जमकर निशाना साधा. सिन्हा ने कहा कि बहुत अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि अब चुनाव आयोग भी स्वतंत्र संस्था नहीं रही. चुनाव कराने का फैसला आयोग ने मोदी-शाह के नियंत्रण में आकर लिया है. भाजपा खुद को फायदा पहुंचाने के चक्कर में ये सब कर रही है और इन्हीं के कारण मतदान 8 चरणों में कराने का फैसला हुआ. सिन्हा ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लगी चोट के बारे में बात करते हुए कहा कि अब वक्त टीएमसी में शामिल होकर ममता जी को समर्थन देने का है और उनकी तरफ से टीएमसी को पूरा समर्थन है. फिलहाल सिन्हा के इस कदम से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. क्योंकि सिन्हा बीजेपी के कद्दावर नेताओं में से एक रहे हैं. ऐसे में देखना होगा कि सिन्हा के इस कदम से बीजेपी और टीएमसी के बीच कौन-सी नई जंग शुरू होती है.