बिहार (Bihar) के सारण (Saran) में जहरीली शराब (spurious liquor case) से अब तक 45 लोगों की मौत हो चुकी है। इन मौतों की जांच (investigation into 45 deaths) के लिए एसआईटी का गठन (SIT formation) कर दिया गया है। जिसका नेतृत्व सोनपुर के अपर पुलिस अधीक्षक अंजनी कुमार (Additional Superintendent of Police Anjani Kumar) करेंगे। इनके अलावा 31 पुलिस पदाधिकारी और तीन डीएसपी को टीम में शामिल किया गया है। एसपी संतोष कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि पूरे प्रकरण की जांच के बाद जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। एसपी ने मशरक थाना अध्यक्ष रितेश मिश्रा और हलका चौकीदार विकेश तिवारी को कर्तव्यहीनता के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर लाइन हाजिर कर दिया है।
एसपी ने बताया कि जांच के बाद अगर अन्य पुलिस पदाधिकारी भी दोषी पाए जाएंगे तो उनके भी खिलाफ कार्रवाई तय है। पदाधिकारी और चौकीदार ने सूचना संकलन करने में घोर लापरवाही की है। इन लोगों पर विभागीय कार्रवाई भी की जा रही है। इधर डीएम ने मढौरा डीएसपी इंद्रजीत बैठा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने और तबादले की विभाग से अनुशंसा की है। इस बीच, मशरक, मढौरा, इसुआपुर, अमनौर व आसपास के थाना क्षेत्रों में शराब धंधेबाजों के खिलाफ लगातार छापेमारी चल रही है। शराब का कारोबार करने वाले 123 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
एफएसएल और उत्पाद विभाग की टीम भी पहुंची
एफएसएल की टीम जांच के लिए मशरक पहुंची। बहरौली में घटनास्थल का मुआयना किया। यहां सबसे ज्यादा 23 लोगों की मौत हुई है। टीम ने लोगों से पूछताछ कर महत्वपूर्ण जानकारी हासिल की और कुछ नमूने भी एकत्र किये। मृतकों के घर और संभावित शराब विक्रेताओं के अड्डों पर बारीकी से जांच पड़ताल की। नमूनों की जांच के बाद टीम अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इधर मद्य निषेध विभाग के संयुक्त निदेशक कृष्णा पासवान के नेतृत्व में भी टीम पहुंच कर जगह-जगह छापेमारी कर रही है।
12 और की मौत, मृतकों की संख्या 45 पहुंची
सारण में जहरीली शराब से गुरुवार को और 12 लोगों की मौत हो गयी। दो दिनों के अंदर मरने वालों की संख्या बढ़ कर 45 हो गयी है। लगभग 25 लोगों का गंभीर स्थिति में इलाज विभिन्न जगहों पर चल रहा है। मृतकों में मढौरा, तरैया, इसुआपुर व अमनौर के लोग शामिल हैं। अब तक 27 शवों का पोस्टमार्टम कराया गया है। मृतकों में युवा व बुजुर्ग शामिल थे। इसकी पुष्टि आधिकारिक तौर पर की गयी है। भर्ती मरीजों में सीने के दर्द और आंख की रोशनी कम होने की शिकायत मिल रही है। मृत 45 लोगों में सबसे ज्यादा मशरक के 23 और शेष बीस लोग इसुआपुर, अमनौर, मढौरा व तरैया के हैं। अब भी कई लोगों का इलाज सदर अस्पताल छपरा, निजी क्लीनिक व पटना में चल रहा है। इनमें कई की स्थिति गंभीर है। कुछ लोगों को बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच भेजा गया है। मृतकों की संख्या बढ़ने से जिला प्रशासन सकते में है।
आक्रोशित ग्रामीण पहुंचे थाने के अंदर
मृ़तकों के परिजनों की चीख-पुकार से पूरे इलाके में मातम का माहौल है। इस कांड के खिलाफ लोगों ने अमनौर -भेल्दी एसएच -102 को जाम कर दिया। लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ कड़ी नाराजगी जाहिर की। आक्रोशित ग्रामीण थाना के अंदर घुस गए। इनका आरोप था कि शराब माफिया हुस्सेपुर में हावी हैं। बेखौफ कारोबार हो रहा है। इस बीच अमनौर में लोगों ने मौत के विरोध में थाने का घेराव करते हुए रास्ते को जाम कर आगजनी की। थाना के गेट के सामने शव रखकर लोग हंगामा करने लगे। इस मामले में सांसद राजीव प्रताप रूडी ने गृह मंत्री से मिल कर टीम भेजने की मांग की। पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, सम्राट चौधरी, जाप नेता पप्पू यादव समेत कई बड़े नेताओं ने मशरक व बहरौली पहुंच कर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की। इधर, माकपा ने प्रतिरोध मार्च निकाला।