बोर्ड की 10वीं की परीक्षाएं सम्पन्न होने के बाद स्टूडैंट्स इस बात तो लेकर संशय में रहते हैं कि वे किस विषय में अपना करियर बनाएं। इसके आधार पर ही वे 11वीं में अपनी स्ट्रीम का चयन करते हैं। निजी स्कूलों में पढ़ने वाले अधिकतर स्टूडैंट्स को तो स्कूल से ही करियर काऊंसलर से स्ट्रीम चयन की जानकारी मिल जाती है लेकिन सरकारी स्कूलों में स्टूडैंट्स को अधिकतर गाईडैंस न मिलने से वे अपने सहपाठियों को देखकर ही स्ट्रीम चयन कर लेते हैं।
इस मामले में ज्यादातर छात्राएं ही होती हैं जो स्ट्रीम चयन को लेकर अधिक कंफूयजन में रहती हैं। ऐसे में अब छात्राओं के इस संशय को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग ने पहले करते हुए सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 10वीं की छात्राओं का साइकोमेट्रिक टैस्ट कराने की योजना शुरू की है। इस शृंखला में राज्यभर में 93,819 छात्राओं के साइकोमेट्रिक टैस्ट किए जाएंगे।
इस पहल के तहत 31 मार्च तक हाई व सैकेंडरी सरकारी स्कूलों की 10वीं कक्षा की छात्राओं को उनके मानसिक क्षमताओं, रुचियों और व्यक्तित्व के आधार पर करियर मार्गदर्शन दिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने इस टैस्ट के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिससे छात्राओं को अपने भविष्य के लिए सही निर्णय लेने में सहायता मिलेगी।
विभाग की ओर से इस इस योजना के लिए हर जिले के लिए सरकारी स्कूलों में 10वीं में पढ़ने वाली छात्राओं की डिटेल एकत्रित करके फंड जारी किए हैं। इस श्रंखला में लुधियाना जिले की 9,454 छात्राओं के लिए विशेष रूप से 66,17,800 रुपये की राशि जारी की गई है। प्रत्येक छात्रा के टेस्ट और मार्गदर्शन के लिए 700 रुपये का बजट तय किया गया है। विभाग के मुताबिक छात्राओं की गाईडैंस व काउंसलिंग एक्सपर्ट द्वारा की जाएगी। इस टैस्ट से यह पता चल जाएगा कि स्टूडैंट की किस सब्जैक्ट में ज्यादा रूचि है और वह क्या बनना चाहता है।
टैस्ट की प्रक्रिया और लाभ
1. पर्सनैलिटी टैस्ट : छात्राओं के व्यक्तित्व की विशेषताओं का मूल्यांकन करेगा।
2. एप्टीट्यूड टैस्ट: उनकी लॉजिकल और एडजिक्टव सोच को परखेगा।
3. इंटरैस्ट टैस्ट: करियर से जुड़ी उनकी रुचियों को समझने में मदद करेगा।
विशेष कमेटी करेगी संचालन
हर जिले में साइकोमेट्रिक टेस्ट के संचालन के लिए एक विशेष कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी, वरिष्ठ प्रिंसिपल और जिला गाइडेंस काउंसलर शामिल होंगे। सुनिश्चित किया जाएगा टेस्ट का प्रभावी संचालन हो सके। टैस्ट के दौरान स्कूल मैनेजमैंट कमेटी (एस.एम.सी.) के सदस्य, करियर शिक्षक और चयनित एजैंसी के विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे। प्रत्येक सत्र में अधिकतम 50 छात्राओं को शामिल किया जाएगा जिससे हर छात्रा को व्यक्तिगत मार्गदर्शन मिल सके।
रिपोर्ट के आधार पर मिलेगी करियर गाइडैंस
साइकोमेट्रिक टैस्ट पूरा होने के बाद, प्रत्येक स्कूल को छात्राओं की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी होगी और इसे जिला शिक्षा अधिकारी एवं मुख्य शिक्षा विभाग को सौंपना होगा। इस रिपोर्ट के आधार पर छात्राओं को उनके व्यक्तित्व और क्षमताओं के अनुसार उचित करियर मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने भविष्य की दिशा तय कर सकेंगी।