पंजाब से आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा में कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के महत्वपूर्ण विकास कार्यों को रोकने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब के 5,600 करोड़ ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ) के, 1,100 करोड़ मंडी विकास निधि (एमडीएफ) के, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निधि के 1,100 करोड़, ‘समग्र शिक्षा अभियान’ के लिए 180 करोड़ और पूंजी निर्माण के लिए विशेष फंड के 1,800 करोड़ रोक रखी है।
उन्होंने कहा कि यह पंजाब को केंद्र से मिलने वाली वह सहायता है, जो देश की प्रगति में पंजाब की महत्वपूर्ण भूमिका और उसके किसानों के बलिदान को रेखांकित करता है। चड्ढा ने विकास परियोजनाओं को पूरा करने की तत्काल आवश्यकता पर बल देते हुए 3 करोड़ पंजाबियों की ओर से यह धन जारी तत्काल जारी करने की अपील की।
राघव चड्ढा ने राज्यसभा में ‘पंजाब में विकास कार्यों पर चिंता’ का एक और महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। आप सांसद ने कहा, ”आज, पंजाब के प्रतिनिधि के रूप में, मैं अपने राज्य पंजाब के अधिकारों पर बोलने के लिए खड़ा हुआ हूं। पंजाब वह राज्य है जिसने देश के लिए सबसे अधिक बलिदान दिया है। पंजाब ने देश को ‘हरित क्रांति’ दी और कठिन समय में देश का पेट भरा।”
देश के विकास में पंजाब और उसके लोगों के योगदान को याद करते हुए, पंजाब से आप सांसद ने कहा, “देश की आजादी के बाद से आज तक पंजाब और पंजाबियों ने देश के लिए बहुत कुछ किया है। पंजाब को भारत की ‘रोटी की टोकरी’ कहा जाता है। हमारे किसानों ने देश के लिए सब कुछ दिया है, आज मैं उन किसानों की आवाज बनकर यहां खड़ा हूं।”
पंजाब के लंबे समय से बकाया फंड पर प्रकाश डालते हुए आप सांसद ने आगे कहा कि आज, पंजाब की विभिन्न योजनाओं के हजारों करोड़ रुपये, जो केंद्र हमें देता है, रोक दिया गया है। लंबित ग्रामीण विकास निधि के 5,600 करोड़, मंडी विकास निधि के 1,100 करोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के 1,100 करोड़, ‘समग्र शिक्षा अभियान’ (शिक्षा) के 180 करोड़ और पूंजी निर्माण के लिए विशेष सहायता के 1,800 करोड़।
उन्होंने कहा, ”हमने बार-बार इन फंडों को जारी करने की मांग की है। आज मैं एक बार फिर 3 करोड़ पंजाबियों की ओर से केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वह हमारा फंड जारी करें ताकि पंजाब में विकास कार्य पूरे हो सकें।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम), ग्रामीण विकास निधि (आरडीएफ), मंडी विकास निधि (एमडीएफ), समग्र शिक्षा अभियान ( एसएसए) और पूंजी निवेश के लिए राज्य को मिलने वाली विशेष सहायता रुकने का सीधा असर विकासात्मक कार्यों पर पड़ा है और राज्य के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ा है।