यूक्रेन (Ukraine) पर रूस (Russia) के हमले के विरोध में बर्लिन (Berlin) में लगभग एक लाख लोगों ने प्रदर्शन किया. पुलिस ने बताया कि मध्य बर्लिन में ब्रैंडनबर्ग गेट के आसपास भारी संख्या में लोग एकत्र हुए हैं, उन्हें अतिरिक्त जगह मुहैया कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा. विरोध प्रदर्शन में बच्चों समेत परिवारों ने भाग लिया. लोगों ने यूक्रेन के समर्थन में पीले और नीले झंडे लहराए.
कुछ लोगों ने ”यूक्रेन छोड़ो”, ”पुतिन जाओ-इलाज कराओ और यूक्रेन एवं दुनिया को शांत रहने दो” लिखी हुई तख्तियां लेकर भी प्रदर्शन किया. यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ दुनियाभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. इससे पहले भी अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम के अलावा यूरोप के कई देशों में भी लोग सड़कों पर उतरे.
रूस के भीतर भी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं. रूसी पुलिस ने दर्जनों शहरों में युद्ध-विरोधी सैकड़ों प्रदर्शनकारियों क हिरासत में लिया. वहीं अमेरिका में वाइट हाउस और रूसी एंबेसी के सामने भी प्रदर्शन शुरू हो गया है. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि अमेरिका यूक्रेन को बचाने के लिए उचित कदम उठाए. रूसी दूतावास के सामने लोगों ने युद्ध की निंदा करते हुए जमकर नारे भी लगाए. इसके अलावा जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, स्पेन, जॉर्जिया समेत कई देशों में रूस के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं. जॉर्जिया की संसद के बाहर भी सैकड़ों ने यूक्रेन पर हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
यूक्रेन के हमले के विरोध में रूसी एक्टिविस्ट
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन पर हमले की घोषणा के बाद से ही कई रूसी एक्टिविस्ट सक्रिय हो गए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को सड़कों पर उतरने का आह्वान किया. इसके बाद मॉस्को के पुश्किन स्क्वायर के पास करीब 2 हजार और सेंट पीटर्सबर्ग में 1,000 से अधिक प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और ‘नो टू वॉर’ के नारे लगाए. रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ न्यूयॉर्क में भी मार्च निकाला गया. हजारों लोगों ने मैनहट्टन की सड़कों पर यूक्रेनी फ्लैग लपेटकर और तख्तियां हाथ में लेकर विरोध प्रदर्शन किया.
रूसी सांसदों ने भी जाताया विरोध
रूस में कम्युनिस्ट पार्टी के दो सांसदों ने भी यूक्रेन पर हमले की निंदा की है. यह वही सांसद हैं जिन्होंने कुछ दिन पहले पूर्वी यूक्रेन में दो अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के लिए मतदान किया था. सांसद ओलेग स्मोलिन ने कहा कि जब हमला शुरू हुआ तो वह हैरान थे, क्योंकि राजनीति में सैन्य बल का इस्तेमाल अंतिम उपाय के रूप में किया जाना चाहिए. दूसरे सांसद मिखाइल मतवेव ने कहा कि युद्ध को तुरंत रोक दिया जाना चाहिए.