यूक्रेन (Ukraine) पर हमले के बाद रूस की सेनाएं लगातार आगे बढ़ रही हैं. इस तनावग्रस्त माहौल में कई भारतीय नागरिक (Indian Citizens) फंसे हुए हैं, जिन्हें भारत लाने के लिए मोदी सरकार (Modi Government) लगातार हरसंभव प्रयास कर रही है. यूक्रेन में बंदरगाह पर स्थित शहर ओडेसा में फंसे करीब 100 भारतीय छात्र (Indian Students in Ukraine) रविवार को बस से मोल्दोवा(moldova) पहुंचे. ओडेसा, ब्लैक सी (Odessa, Black Sea) पर स्थित एक अहम बंदरगाह है जिस पर रूस ने 24 फरवरी को हमला किया था.
विदेश मंत्री एस जयशंकर(External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा कि विदेश मंत्रालय की एक टीम छात्रों की सहायता के लिए सोमवार को यूक्रेन पहुंचेगी. साकिब नाम के एक छात्र ने बताया कि अस्थायी निवास परमिट वाले छात्र, जिन्हें यूक्रेन में ‘पोस्विदका’ कहा जाता है. सभी के पास ओडेसा से मोल्दोवा पहुंचने की अनुमति है. इस छात्र ने कहा कि सभी एमबीबीएस स्टूडेंट्स को डिफ़ॉल्ट तरीके से इस परमिट की पेशकश की गई थी और इसका उपयोग शांतिपूर्ण समय में भी मोल्दोवा को पार करने के लिए कर सकते हैं.
साकिब ने कहा कि सभी छात्रों को संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों द्वारा भोजन, पानी और रहने की सुविधा दी गई. इस छात्र ने बताया कि ये सभी छात्र मोल्दोवा-यूक्रेन सीमा के पास एक शेल्टर में रह रहे थे. इस छात्र ने कहा कि “कुछ लोगों ने हमारी मदद की और मोल्दोवियन सरकार ने संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ की सहायता से रहने के लिए जगह और भोजन की व्यवस्था की.”
इस स्थान से मोल्दोवा-रोमानिया बॉर्डर 200 किमी दूर है और ये छात्र अब स्पेशल फ्लाइट्स के जरिए अपनी आगे की यात्रा के लिए भारतीय अधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मोल्दोवियन विदेश मंत्री से बात करने के बाद ट्वीट किया और लिखा कि, “मोल्दोवा के विदेश मंत्री को फोन किया और यूक्रेन-मोल्दोवा बॉर्डर पर हमारे नागरिकों के प्रवेश की सुविधा के लिए मदद मांगी. इस पर उनकी त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना करते हैं. भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि कल वहां पहुंचेंगे.
वहीं विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि सैन्य संघर्ष शुरू होने के बाद से भारत ने यूक्रेन से अपने लगभग 2,000 नागरिकों को सुरक्षित तरीके से निकाल लिया है और यूक्रेन व उसके पड़ोसी देश की सीमाओं पर फंसे हुए नागरिकों को निकालने के लिए प्रयास जारी है.