रूस और यूक्रेन के मध्य छिड़े विवाद ने कीव के हालात अस्त व्यस्त कर दिए हैं. रूसी सेना (Russia Army) देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव (Kharkiv) में घुसपैठ कर ली है. तो वहीं राजधानी कीव (Kiev) को अब चारों तरफ से घेरा जा चुका है. सड़कें विरान पड़ी हैं. लोगों की जान हलक में अटकी हुई है. रूसी सैनिकों ने तमाम जगहों पर मोर्चाबंदी कर रखी है. खौफ खाए नागरिक अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़ पर मजबूर हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने जानकारी दी है कि पड़ोसी देशों में पहुंच रहे यूक्रेन के नागरिकों की संख्या अब दो लाख के पार चली गई है.
शरणार्थियों मामलों के संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त ने ट्वीट किया कि रूसी बलों के आक्रमण की वजह से भाग रहे लोगों की संख्या अब लगातार बदल रही है और इस पर अधिक जानकारी रविवार को जारी की जाएगी. एजेंसी ने शनिवार को अनुमान जताया कि यूक्रेन के कम से कम 1,50,000 नागरिक भागकर पोलैंड, हंगरी और रोमानिया समेत अन्य देश चले गए हैं. पोलैंड की सरकार ने शनिवार को बताया कि यूक्रेन के एक लाख से अधिक लोगों ने पिछले 48 घंटे में पोलैंड-यूक्रेन सीमा पार की है.
दूसरे देशों में सुरक्षा तलाश रहे यूक्रेन के नागरिक
रूस के आक्रमण की वजह से बड़ी संख्या में यूक्रेन निवासी पहले ही अपने घरों को छोड़कर दूसरे देशों का रुख कर चुके हैं. यूक्रेन के नागरिक अब पोलैंड, हंगरी, रोमानिया और माल्डोवा जैसे पड़ोसी देशों में अपनी सुरक्षा की तलाश कर रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने यूक्रेन के नागरिकों पर इस जंग के विनाशकारी परिणामों की चेतावनी दी है. उन्होंने वादा किया है कि संयुक्त राष्ट्र, यूक्रेन की हर संभव मदद करेगा. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रैंडी ने कहा कि हमने यूक्रेन और पड़ोसी देशों में अपने संचालन और क्षमता को बढ़ाया है. हम यूक्रेन के लोगों का समर्थन करने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं.
‘यह बहुत मुश्किल समय है’
ग्रैंडी ने कहा, ‘यह बहुत मुश्किल समय है. यूक्रेन में लगभग 200 लोगों की हमारी एक बहुत बड़ी टीम है, जिनमें यूक्रेनियन और अंतर्राष्ट्रीय लोग शामिल हैं. हालांकि इनमें से ज्यादातर इस समय शेल्टर्स, अंडरग्राउंड स्पेस, बंकर या फिर किसी सुरक्षित स्थानों में हैं. क्योंकि खुले स्थानों में रूसी सेना द्वारा निरंतर सैन्य कार्रवाई का खतरा बना हुआ है.’ उन्होंने कहा, ‘हम अपनी टीम से सावधान रहने के लिए कह रहे हैं. जब भी उन्हें बाहर जाने का मौका मिलता है, वो जरूरतमंद लोगों की मदद करने की कोशिश करते हैं. लेकिन यह बहुत बहुत खतरनाक है.’