भारत के पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना (Suresh Raina) के पिता त्रिलोकचंद रैना (Trilokchand Raina) का 6 फरवरी को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. त्रिलोकचंद सेना में रहे हैं. वे ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में तैनात रहे और बम बनाने में मास्टर थे. उन्होंने अंतिम सांस गाजियाबाद में ली. एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘वह पिछले एक साल से कैंसर से जूझ रहे थे.’ हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) सहित रैना के साथी खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया पर शोक व्यक्त किया. हरभजन ने लिखा, ‘सुरेश रैना के पिता के बारे में दुख हुआ. आपकी आत्मा को शांति मिले अंकल जी.’ रैना ने भारत के लिए 18 टेस्ट, 226 वनडे और 78 टी20 खेले है.
सुरेश रैना मूल रूप से जम्मू कश्मीर के रैनावाड़ी गांव के रहने वाले हैं. 1990 में कश्मीरी पंडितों की हत्याओं के बाद उनके परिवार ने कश्मीर छोड़ दिया था. वे उत्तर प्रदेश के मुरादनगर आकर बस गए थे. तब त्रिलोकचंद रैना की तनख्वाह 10 हजार रुपये महीना था. इसके चलते वे सुरेश रैना की क्रिकेट कोचिंग फीस नहीं भर पाते थे. ऐसे में 1998 में सुरेश रैना का एडमिशन लखनऊ के गुरु गोबिंद सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में कराया गया. रैना ने बताया था कि वे हमेशा ध्यान रखते थे कि कश्मीर में उनके पिता के साथ जो दुखद घटनाएं हुई उनके बारे में किसी को पता न चले