भारत में नफरत और आतंक फैलाना पाकिस्तान का पुराना काम है। इसके लिए पाकिस्तान दशकों पुराने तरीकों का फिर से इस्तेमाल कर आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा दे रहा है। हडसन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पहले की तरफ भारत में अस्थिरता पैदा करने के लिए इस्लामिक कट्टरपंथियों और खालिस्तान की मांग करने वाले अलगाववादी समूहों का समर्थन कर रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एसएफजे से जुड़े अलगाववादी अमेरिका, ब्रिटेन, कानाडा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, जर्मनी सहित तमाम देशों से भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। पाकिस्तान के इस नापाक खेल में चीन भी पूरी मदद कर रहा है इसमें चीन का लक्ष्य भारत-अमेरिका संबंधों में अस्थिरता लाना है।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की भारत के खिलाफ जारी गतिविधियों में उभार भारत के साथ ही अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा तंत्र के लिए भी चिंता का विषय होना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान जिन खालिस्तानी समूहों का पोषण कर रहा है, उनके तार अमेरिका और कई पश्चिमी देशों से जुड़े हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिहादी और खालिस्तानी समूहों का समर्थन पाकिस्तान की विदेश और रक्षा नीति का आधिकारिक सक्रिय और अभिन्न अंग रहा है।
गत वर्ष पाक के समर्थन का हुआ था पर्दाफाश
बीते वर्ष दिसंबर में लुधियाना की कोर्ट में विस्फोट के आरोप में जर्मनी से जसविंदर सिंह की गिरफ्तारी से भारत में चरमपंथ फैलाने के लिए पाक के समर्थन का पर्दाफाश हुआ था। मुल्तानी असल में एसएफजे का प्रमुख सदस्य है। एसएफजे के सार्वजनिक चेहरे गुरपतवंत सिंह पन्नून ने मुल्तानी के साथ संबंधों की खुलकर स्वीकार किया है।