भारतीय जनता पार्टी में लगातार भगदड़ मची है। योगी कैबिनेट से दो मंत्रियों ने इस्तीफे के बाद तीसरे मंत्री धर्म सिंह सैनी ने सरकारी सुरक्षा और सरकारी आवास लौटा दिया है। श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ा और फिर वन मंत्री दारा सिंह ने भी अलविदा कह दिया। इन नेताओं की अगली पारी की समाजवादी पार्टी के साथ शुरू होने वाली है। सपा और बीजेपी के बीच ओबीसी वोट को लेकर सियासी पैंतरे बाजी तेज हो गयी है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने गैर यादव ओबीसी जातियों जैसे कुर्मी, मौर्य, शाक्य, सैनी, कुशवाहा, राजभर और निषाद नेताओं को अपने पाले में लाकर सपा को बड़ा नुकसान पहुंचाया था। अब वही जीत का फाॅर्मूला सपा ने बीजेपी के खिलाफ लागू कर दिया है।
बहुजन समाज पार्टी के भी ओबीसी नेताओं को भी बीजेपी मंत्री पद से लेकर संगठन में अहम जिम्मेदारियों को सौंप कर किलेबंदी की थी। 2012 से 2017 तक सपा के शासन में यह धारणा बनी थी कि सरकारी संसाधनों का अधिकतम लाभ यादव समुदाय को ही मिला और ऐसे में भाजपा गैर यादव पिछड़ी जाति के नेताओं के बीच नाराजगी को भुनाने में कामयाब रही थी।
सपा और बसपा के कई ओबीसी नेता जैसे स्वामी प्रसाद मौर्य, आरके सिंह पटेल, एसपी सिंह बघेल, दारा सिंह चैहान, धर्म सिंह सैनी, ब्रिजेश कुमार वर्मा, रोशन लाल वर्मा और रमेश कुशवाहा ने चुनाव से पहले बीजेपी का दामन थामा था। दूसरे दलों से आए कई नेता चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे तो कई को विधान परिषद और पार्टी संगठन में जगह दी गई। 2017 के विधानसभा चुनाव में 403 सीटों वाली विधानसभा में अकेले 312 सीटों पर बीजेपी को जीत मिली। अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को क्रमशः 9 और 4 सीटें मिलीं। 2019 लोकसभा चुनाव के बाद सुभासपा ने बीजेपी से नाता और गठबंधन तोड़ लिया।
बीजेपी की रणनीति से भाजपा को जवाब दे रहे अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बीजेपी की 2017 वाली रणनीति को अपनाते दिख रहे हैं। उन्होंने गैर यादव ओबीसी नेताओं को पार्टी के साथ लाने पर फोकस किया है। 2019 लोकसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन के बावजूद मिले झटके के बाद अखिलेश यादव ने बसपा के नाराज नेताओं को तोड़ना शुरू कर दिया था। बसपा से पहले ही बगावत करके सपा में आ चुके इंद्रजीत सरोज और आरके चैधरी को बसपा के दूसरे नेताओं से संपर्क साधने और मानने को कहा गया।
इन नेताओं को किया शामिल
अखिलेश यादव ओबीसी समुदाय से जुड़े बीएसपी के ओबीसी नेताओं जैसे आरएस कुशवाहा, लालजी वर्मा, रामाचल राजभर, केके सचान, वीर सिंह और राम प्रसाद चैधरी को सपा में लाने में कामयाब रहे। बसपा के प्रभावशाली बागी नेता दद्दू प्रसाद ने विधानसभा चुनाव में सपा के समर्थन का ऐलान किया। स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चैहान रोशन लाल वर्मा, विजय पाल, ब्रजेश कुमार प्रजापति और भगवती सागर जैसे नेताओं को भी अखिलेश अपने खेमे में लाने में कामयाब हो गए हैं।