उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने इस्तीफा दे कर योगी सरकार पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा में भूचाल लाने के लिए मेरा मंत्री पद से इस्तीफा ही काफी है। स्वामी प्रसाद ने कहा कि मैंने अभी तक भाजपा से इस्तीफा नहीं दिया है और न ही समाजवादी पार्टी में शामिल हुआ हूं। उन्होंने घोषणा की कि मैं जल्द ही भाजपा से इस्तीफा दे दूंगा। कैबिनेट से इस्तीफा देने के बाद ही भारतीय जनता पार्टी में भूचाल चुका है। कुंभकर्णी नींद सोने वाली भाजपा सरकार की नीतियो का विरोध करना जरूरी था। उन्होंने कहा कि इसे मैंने पहले भी उचित प्लेटफॉर्म पर उठाया है।
बीजेपी सरकार के ताबूत में आखिरी कील
स्वामी प्रसाद मौर्य ने तल्ख होते हुए कहा कि मैंने भाजपा को रिजेक्ट कर दिया। अब भाजपा में लौटने का कोई सवाल ही नहीं है। मौर्य ने बीजेपी पर हमलावर होते हुए कहा कि मेरा इस्तीफा भाजपा को हिला कर रख दिया है। सत्ता के उन्माद में चूर भाजपा के नेताओं ने मेरी बातों को तवज्जों नहीं दिया। आज मैंने जनता की हित को ध्यान में रखते हुए यह राजनीतिक फैसला किया है। यह राजनीतिक फैसला भारतीय जनता पार्टी की सरकार के ताबूत का अंतिम कील होगा। इससे पहले मौर्य ने ट्विटर पर अपना इस्तीफा पोस्ट किया था, जिसके बाद यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने उनका स्वागत करते हुए उन्हें समर्थन देने की बात कही थी। माना जा रहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य सपा में शामिल हो रहे हैं लेकिन उन्होंने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की।
पार्टी में नहीं सुनी गयी मेरी बाते
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं किस पार्टी में जाऊंगा, इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ हैं। मैं अपने लोगों से बातचीत कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि कल शाम तक इस पर मैं निर्णय लूंगा और 14 जनवरी को घोषणा कर दूंगा कि मैं कहां जाउंगा। स्वामी प्रसाद ने कहा कि अभी कितने मंत्री और विधायक मेरे साथ बीजेपी छोड़ रहे हैं यह भी नहीं बताऊंगा। मीडिया से पूछे जाने पर उन्होंने मायावती को जन्मदिन की बधाई दी। यूपी के पूर्व सीएम मायावती का 14 जनवरी को ही जन्मदिन है। मौर्य ने कहा मोदी जी ने कहा था कि हमें वह नीच कहते हैं इसीलिए वो विरोध करते हैं, उनकी इसी सोच से प्रभावित होकर मैं बीजेपी में गया था। मगर यहां सिर्फ लूट खसोट हो रही है। पिछड़ों को हाशिए पर डाल दिया गया है। कई बार मैंने सामाजिक न्याय, गरीबों, पिछड़ों की बात शीर्ष नेतृत्व के सामने रखी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।