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पोस्‍टर वार: राहुल गांधी की रैली में लगे जनरल बिपिन रावत के कटआउट पर बवाल, बीजेपी का आरोप- कांग्रेस की सैनिकों के वोट पर नजर

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की विजय सम्मान रैली में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत का कटआउट इस्तेमाल करने के बाद बीजेपी और कांग्रेस के बीच पोस्टर वॉर छिड़ गई है. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस बिपिन रावत के जरिए सियासी लाभ उठाना चाहती है. 8 दिसंबर को तमिलनाडु में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत का निधन हो गया था.

वहीं रैली से जो तस्वीर सामने आई है उसमें बिपिन रावत के कटआउट के साथ-साथ इंदिरा गांधी और राहुल गांधी का कटआउट भी लगा हुआ है. हालांकि कांग्रेस का कहना है कि ये रैली राजनीतिक नहीं है बल्कि 50वें विजय दिवस के मौके पर आयोजित की गई है.

‘शहीद सैनिकों की तस्वीर के साथ इस्तेमाल की गई राहुल गांधी की तस्वीर’

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने ट्विटर पर बताया कि आयोजन स्थल पर न केवल जनरल रावत के कटआउट का इस्तेमाल किया गया है, बल्कि शहीद सैनिकों की तस्वीरों के साथ राहुल गांधी की मुस्कुराती हुई तस्वीर भी लगाई गई है, जो शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजन स्थल पर बनाई गई है.

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ”बेशर्म कांग्रेस पार्टी ने श्रद्धांजलि की दीवार पर शहीदों के साथ राहुल गांधी की तस्वीरें लगाईं! यहां भी वे परिवार भक्ति के बिना सैनिकों का सम्मान नहीं कर सकते? शहीदों का अपमान. कांग्रेस के पास सशस्त्र बलों का अपमान करने का डीएनए है. उन्होंने बिपिन रावतजी को ‘सड़क का गुंडा’ कहा था.”

वहीं बीजेपी आईटी सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने एक अन्य पोस्टर की तस्वीर पोस्ट की है जिसमें भारत के सुरक्षा बलों को लेकर कांग्रेस के रुख पर सवाल उठाया गया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “उत्तराखंड ने कांग्रेस और राहुल गांधी के पाखंड को दर्शाते हुए रैली स्थल के रास्ते में इन पोस्टरों के साथ उनका स्वागत किया. कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि वह वर्दी में हमारे पुरुषों को बदनाम करके फिर उनके नाम पर राजनीतिक लाभ हासिल नहीं कर सकती है. ऐसी नीच राजनीति पर शर्म आती है.”

इससे पहले हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस पर रक्षा कर्मियों के निधन के बाद जश्न मनाने का आरोप लगाया था. धामी ने कहा था कि जब देश शोक में था, प्रियंका गांधी गोवा में चुनाव प्रचार के लिए आदिवासी महिलाओं के साथ नृत्य कर रही थीं.