न्यूजीलैंड के खिलाफ मुंबई में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच की शुरुआत से पहले भारत को एक झटका लगा था. उसके बेहतरीन ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) चोट के कारण बाहर हो गए थे. जडेजा के जाने के बाद टीम की बल्लेबाजी पर असर पड़ना लाजमी था क्योंकि वह निचले क्रम में लगातार बल्ले से योगदान देते आए हैं, लेकिन अक्षर पटेल (Axar Patel) ने उनकी कमी को खलने नहीं दिया. अक्षर ने इस मैच में अर्धशतक जमाया है जो उनके टेस्ट करियर का पहला अर्धशतक है. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 128 गेंदों का सामना करते हुए पांच चौके और एक छक्के की मदद से 52 रन बनाए. इसी के साथ उन्होंने टीम की जिम्मेदारी को भी बखूबी संभाला है और विकेट पर अपने पैर जमा टीम के स्कोर बोर्ड को लगातार आगे बढ़ाते रहे. गुजरात से आने वाले अक्षर को उनके कई साथी बापू नाम से बुलाते हैं.
अक्षर ने 103वें ओवर की आखिरी गेंद पर एक रन लिया और इसी के साथ अपना पहला टेस्ट अर्धशतक पूरा किया. इससे पहले उनका सर्वोच्च स्कोर 43 रन था जो उन्होंने अहमदाबाद में अपने करियर के दूसरे मैच में इसी साल फरवरी में बनाया था. अक्षर हरफनमौला खिलाड़ी हैं और बल्लेबाजी करने का दम रखते हैं, लेकिन अक्षर ने जिस समय ये पारी खेली वो काबिले तारीफ है. अक्षर ने शतकवीर मयंक अग्रवाल के साथ मिलकर 67 रनों की साझेदारी की और भारत को जल्दी ढेर होने से बचाया.
मुश्किल समय में जमाया पैर
भारत ने दिन की शुरुआत चार विकेट के नुकसान पर 221 रनो के साथ की थी. दिन के दूसरे ओवर में ही भारत को दो बड़े झटके लग गए थे. कीवी टीम के बाएं हाथ के स्पिनर एजाज पटेल ने दूसरे ही ओवर में पहले कल के नाबाद बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा और फिर अगली गेंद पर रविचंद्रन अश्विन को पवेलियन भेज भारत को परेशानी में डाल दिया था. एजाज जिस तरह से गेंदबाजी कर रहे थे उससे लग रहा था कि वह जल्दी टीम इंडिया का पुलिंदा बांध देंगे. दूसरे छोर पर मयंक थे. उन्हें किसी बल्लेबाज के साथ की जरूरत थी अक्षर ने मयंक के साथ दिया और शानदार साझेदारी की. 67 रनों की साझेदारी में हालांकि अक्षर के रन ज्यादा थे. उन्होंने इस साझेदारी में 34 रन बनाए और मयंक ने 29 रन बनाए थे.
एजाज ने मयंक को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा. मयंक का विकेट 291 रनों पर गिरा. लेकिन इस दौरान अक्षर ने मयंक का जिस तरह से साथ दिया उसने टीम को भी काफी मजबूत किया. अक्षर ने सूझबूझ से बल्लेबाजी की और संभल कर खेलते हुए पारी को बनाया. उनकी पारी का अंत भी एजाज ने किया. एजाज ने 316 रनों पर अक्षर को पवेलियन भेजा.एजाज ने इस पारी में सभी 10 विकेट अपने नाम करते हुए इतिहास रचा.
गेंदों से कर चुके हैं कमाल
बल्ले से जौहर दिखाने से पहले अक्षर अपनी फिरकी से कमाल दिखा चुके हैं. उन्होंने कानपुर में खेले गए पहले मैच की पहली पारी में पांच विकेट अपने नाम किए थे. उन्होंने अपने करियर के पहले ही मैच में पंजा मारा था. अक्षर ने चेन्नई में इसी साल फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैच से टेस्ट डेब्यू किया था. इस मैच की पहली पारी में अक्षर ने दो विकेट लिए थे लेकिन दूसरी पारी में उन्होंने पांच विकेट अपने नाम किए. अहमदाबाद में खेले गए अपने करियर के दूसरे टेस्ट मैच में तो अक्षर ने कमाल ही कर दिया था. उन्होंने पहली पारी में छह और दूसरी पारी में पांच विकेट लिए थे. इसी मैदान पर खेले गए अगले मैच में उन्होंने पहली पारी में पांच और दूसरी पारी में पांच विकेट लिए थे. वह अभी तक भारत के लिए 33 विकेट ले चुके हैं.