केंद्र सरकार अगले महीने अपने महत्वकांक्षी 100 ट्रिलियन डॉलर के मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी के नेशनल प्लान को लॉन्च कर सकती है. इसे गति शक्ति नाम दिया गया है. इसका लक्ष्य इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करके आर्थिक विकास में तेजी लाना है. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सिलसिले में इंटर-मिनीस्टीरियल चर्चाएं हो चुकी हैं और कैबिनेट नोट तैयार है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि अक्टूबर की शुरुआत में कैबिनेट से मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
परिवहन के माध्यमों का होगा इंटिग्रेशन
मास्टर प्लान की अगुवाई डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड कर रहा है, इसमें परिवहन के मुख्य माध्यमों का इंटिग्रेशन किया जाएगा, जिससे निर्माण कार्य को बढ़ावा मिलेगा और लॉजिस्टिक्स की लागत कम होगी. इसके साथ इससे औद्योगिक उत्पादन में भी सुधार होगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक पोर्टल लॉन्च करेंगे, जिसमें मुख्य इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित मंत्रालयों का डेटा और मौजूदा पोर्टल का इंटिग्रेशन होगा. इंटिग्रेटेड पोर्टल को नियमित तौर पर अपडेट किया जाएगा और कई सरकारी विभाग और दूसरे हितधारक अलग-अलग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर रियल टाइम जानकारी और डेटा को एक्सेस कर सकेंगे.
सरल तरीके से कहा जाए, तो इस जानकारी को लेकर आसानी से एक्सेस मिलेगा कि जैसे किन क्षेत्रों में ज्यादा सड़कों का निर्माण करने की जरूरत है और लॉजिस्टिक रेट. ऐसी उम्मीद है कि प्रोजेक्ट को लागू करने के लिए सभी मंत्रालयों के बीच तालमेल होगा. इससे न केवल इंडीविजुअल मंत्रालयों को किसी प्रोजेक्ट के लिए योजना बनाने और काम करने की जरूरत पड़ेगी, बल्कि साथ में कारोबारी अवसर भी बढ़ेंगे. इससे देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में प्रोजेक्ट्स में भी तेजी आएगी.
इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिलने में आएगी तेजी
बिजनेस स्टैंडर्ड को एक अधिकारी ने बताया कि मास्टर प्लान से देश में कारोबारी और निवेश के अवसरों का क्षेत्र बढ़ेगा और फैसले लेने में तेजी आएगी. उन्होंने कहा कि इससे अलग-अलग उत्पादन के केंद्रों में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी. सरकार के आंतरिक आकलन के मुताबिक, गति शक्ति प्रोजेक्ट से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिलने के लिए लगने वाले समय में कटौती होगी. कुछ मामलों में यह 600 दिनों से घटकर 162 देशों तक आ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि मास्टर प्लान मार्च में करीब तैयार था. हालांकि, कोरोना महामारी की दूसरी लहर के प्रकोप से इसमें देरी हो गई.