चीन के साथ ब़़ढते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को कहा कि उनका देश एक और शीत युद्ध नहीं चाहता है। मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र में आम बहस की शुरआत होने पर अपने पहले संबोधन में बाइडन ने कहा कि विश्व आज इतिहास के अहम मोड़ पर खड़ा है। इसमें कोरोना महामारी, जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकारों के हनन जैसे ज्वलंत मुद्दों को हल करने के लिए सभी को मिलजुल कर त्वरित करने की जरूरत है।
बाइडन ने अपने संबोधन में चीन का नाम नहीं लिया, लेकिन अमेरिका और चीन के बीच तनाव को लेकर दुनिया भर में बढ़ती चिंता की बात भी मानी। उन्होंने कहा, ‘हम एक और शीत युद्ध नहीं चाहते हैं। हम यह भी नहीं चाहते हैं कि विश्व अलग-अलग गुटों में बंटे।’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना महामारी भारी तबाही मचाई है। लाखों जाने गई हैं। इससे निपटने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। जलवायु परिवर्तन के समाधान के लिए अपने पुराने दायित्वों को पूरा करना होगा। व्यापार के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। उन्होंने कहा, ‘हम एक बेहतर भविष्य का निर्माण करना चुनेंगे, हम, आप और मैं, हमारे पास इसे बेहतर बनाने की इच्छाशक्ति और क्षमता है। हम और अधिक समय बर्बाद नहीं कर सकते।’
अफगानिस्तान से सेना बुलाने के फैसले को सही ठहराया
बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के अपने फैसले को एक बार फिर सही ठहराया। उन्होंने कहा कि हमने दो दशक से चले रहे अथक युद्ध के एक युग का अंत किया है। हम दुनिया भर में लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने में अपने विकास की शक्ति का उपयोग करने जा रहे हैं।
आतंकी हमले का देंगे करारा जवाब
बाइडन ने राष्ट्रों से आह्वान किया कि वे दुनिया के ‘सुदूर क्षेत्रों’ या ‘हमारे अपने आसपास’ से पैदा होने वाले आतंकवाद के खतरे के प्रति सतर्क रहें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग अमेरिका के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देंगे, उन्हें क़़डा जवाब मिलता रहेगा। आज की दुनिया 2001 की दुनिया नहीं है और अमेरिका वही देश नहीं है, ‘जब हम पर 20 साल पहले हमला हुआ था।’