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योगी सरकार अब प्रिंसिपलों को भी देगी टैबलेट, ऐसी है परफार्मेंस ग्र्रेडिंग इण्डेक्स की तैयारी

योगी सरकार अब प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर बड़े फैसला करने वाली है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले पेश किए अपने अनुपूरक बजट में जहां ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और डिप्लोमा कोर्स कर रहे छात्र-छात्राओं को स्मार्ट फोन और टैबलेट उपलब्ध कराने का ऐलान किया था। वहीं अब प्रदेश के 2204 सरकारी हाईस्कूल, इंटर कॉलेजों को भी टैबलेट दिए जाने की तैयारी है। यह टैबलेट स्कूलों के प्रिंसिपल को दिया जाएगा। हर स्कूल को प्रति टैबलेट 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके लिए दो करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

 

ये होगा टैबलेट का फायदा

सरकार का मानना है कि इन टैबलेट से स्कूल के प्रधानाचार्य तकनीकी रूप से मजबूत होंगे। शुरू में लर्निंग आउटकम समेत यूपी बोर्ड के रिजल्ट का विश्लेषण भी इसी पर किया जाएगा। प्रदेश के 2204 सरकारी स्कूलों से योजना शुरू की जा रही है। प्रदेश में 2285 सरकारी स्कूल हैं। टैबलेट स्कूल में होने से कई तरह के काम स्कूल स्तर पर ही किए जा सकेंगे। विद्यालय के प्रिंसिपल सीधे जुड़े रहेंगे। इससे निरीक्षण की रिपोर्ट, अवस्थापना सुविधाएं व अन्य कई तरह की जानकारियों का आदान-प्रदान मिनटों में हो जाएगा। यूपी बोर्ड परीक्षा के अपने स्कूल के रिजल्ट का विश्लेषण भी किया जा सकेगा। साथ ही अन्य स्कूलों से तुलना भी की जा सकेगी। केन्द्र सरकार ने परफार्मेंस ग्र्रेडिंग इण्डेक्स की शुरुआत की है। परफार्मेंस ग्र्रेडिंग इण्डेक्स के तहत हर सरकारी स्कूल में कई तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। टैबलेट भी इनमें से एक है।

प्राइमरी के स्कूलों में पहले से हो चुका है फैसला

प्राइमरी शिक्षा से जुड़े विद्यालयों में भी सभी स्कूलों में टैबलेट देने का फैसला हो चुका है। 1,59,043 सरकारी स्कूलों, 880 खण्ड शिक्षा अधिकारियों और 4400 अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) को ये टैबलेट दिए जाएंगे। इसके टैबलेट से न सिर्फ स्कूलों की मॉनिटरिंग आसान होगी बल्कि शिक्षकों की हाजिरी भी बायोमीट्रिक तरीके से ली जा सकेगी। इस टैबलेट में जो भी डाटा होगा वह राज्यस्तर पर देखा जा सकेगा। इसके लिए क्लाउड आधारित स्टोरेज होगा। हालांकि दो वर्ष पहले ही योजना को मंजूरी मिली थी लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण टैबलेट खरीद अभी तक नहीं हो पाई है।