आज से 20 सितंबर 2021 से पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021) शुरू हो रहे हैं। भाद्रपद महीने की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष काफी महत्वपूर्ण होता है। 15 दिनों के लिए लोग अपने पूर्वजों (Ancestors) को याद करके उनकी आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म करते हैं। जिससे उनके पूर्वजों का आशीर्वाद पाकर लाइफ में सफलता, सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकें। वहीं पूर्वजों की नाराजगी कई मुसीबतों की वजह बनती है। पुराणों में पितृ पक्ष को लेकर कुछ नियम (Pitru Paksha Rules) बताए हैं। जिनका पालन करना बहुत आवश्यक हैं।
पितृ पक्ष के दौरान न करें ये काम
ऐसा माना जाता है कि पितृ पक्ष के 15 दिनों में पूर्वज अपने परिजनों के पास रहने के लिए धरती पर आते हैं इसलिए व्यक्ति को ऐसे काम करने चाहिए जिससे पितृ खुश रहें।
– सूर्यास्त के बाद गलती से भी श्राद्ध (Shradh 2021) न करें। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
– पितृ पक्ष के 15 दिनों में बुरी आदतों, नशे, तामसिक भोजन से दूर रहें। पितृ पक्ष में कभी भी शराब-नॉनवेज, लहसुन-प्याज को नहीं खाना चाहिए। साथ ही लौकी, खीरा, सरसों का साग और जीरा भी नहीं खाना चाहिए।
– पितृ पक्ष के दौरान अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान दिखाते हुए सादा जीवन जिएं। कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए।
– जो व्यक्ति पिंडदान, तर्पण आदि कर रहा है उसे बाल और नाखून भी नहीं काटने चाहिए। ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए।
– पितृ पक्ष के दौरान किसी पशु-पक्षी को नहीं सताना चाहिए। ऐसा करना मुसीबतों को बुलावा देना है। बल्कि इस दौरान घर आए पशु-पक्षी को भोजन जरूर दें। ऐसा माना जाता है कि पूर्वज पशु-पक्षी के रूप में अपने परिजनों से मिलने आते हैं।
– इस दौरान ब्राह्राणों को पत्तल में भोजन करना चाहिए और खुद भी पत्तल में भोजन करें।