देश के अलग-अलग पेमेंट बैंक (PB) ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से मांग की है कि एक दिन के लिए खाते में जमा राशि की लिमिट को 5 लाख किया जाए. इसे तकनीकी भाषा में ‘मैक्सिमम एंड ऑफ द डे बैलेंस’ कहा जाता है. अभी यह लिमिट 2 लाख रुपये की है जिसे बढ़ाकर 5 लाख किए जाने की मांग की जा रही है. पेमेंट बैंकों का कहना है कि जमा राशि पर डिपॉजिट स्कीम कवर का ऐलान हो गया है जिसकी राशि 5 लाख रुपये निर्धारित की गई है. ऐसे में पेमेंट बैंक में जमा पैसे की मात्रा को भी 5 लाख रुपये कर दिया जाए. पेमेंट बैंक के नुमाइंदों का मानना है कि जब सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत बैंकों में जमा राशि पर इंश्योरेंस कवर को पांच गुना तक बढ़ा दिया है तो पेमेंट बैंक में जमा पैसे की लिमिट भी बढ़ाई जानी चाहिए. बैंकों में जमा पैसे पर पहले 1 लाख का कवर मिलता था जिसे बढ़ाकर 5 लाख कर दिया गया है. अभी सरकार ने इसके लिए संसद में एक कानून भी पास किया है. डीआईसीजीसी के तहत बैकों में सेविंग्स, फिक्स्ड, करंट और रिकरिंग डिपॉजिट पर 5 लाख रुपये तक का कवर मिलता है.
पेमेंट बैंक के खाते में एक दिन में अधिकतम कितने रुपये जमा रखे जा सकते हैं, इसका नियम बनाया गया है. 27 नवंबर 2014 को ‘गाइडलाइंस फॉर लाइसेंसिंग ऑफ पेमेंट बैंक’ जारी की गई जिसके मुताबिक एक कस्टमर एक दिन में अधिकतम 1 लाख रुपये तक जमा रख सकता था. उस वक्त बैंकों में जमा डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर 1 लाख रुपये का होता था. अब 4 फरवरी 2020 को डिपॉजिट कवर को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. पेमेंट बैंकों का कहना है कि डिपॉजिट कवर बढ़ने के बावजूद पेमेंट बैंक में जमा अधिकतम राशि की लिमिट को बनीं बढ़ाया गया है. वह अभी भी जस का तस है.
जमा राशि दुगनी बढ़ाने की मांग
रिजर्व बैंक ने हालांकि इस साल 8 अप्रैल को पेमेंट बैंक में जमा राशि की लिमिट का दुगना तक बढ़ाया था. पहले जो लिमिट 1 लाख की थी, उसे बढ़ाकर 2 लाख कर दिया गया. यह नियम अब तक लागू है. लेकिन पेमेंट बैंकों ने आरबीआई से मांग की है कि उसे बढ़ाकर 5 लाख कर दिया जाए. पेमेंट बैंकों का तर्क है कि इससे एमएसएमई, छोटे व्यापारी और कारोबारियों को फायदा होगा. प्रति कस्टमर अगर जमा राशि की लिमिट 5 लाख कर दी जाए तो व्यापारियों के लिए नकदी का प्रवाह आसान होगा. रुपयों का लेनदेन आसानी से हो सकेगा.
पेमेंट बैंकों का मानना है कि अभी अर्थव्यवस्था के जो हालात हैं, उसे देखते हुए पेमेंट बैंक में जमा राशि की लिमिट को बढ़ाना अभी सबसे उपयुक्त होगा. जब डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को बढ़ा दिया गया है तो जमा पैसे की सुरक्षा को लेकर भी कोई खतरा नहीं है. ऐसे में पेमेंट बैंक की लिमिट को 5 लाख किया जाना सही रहेगा. इससे व्यापारी-कारोबारी को बिजनेस आदि में भी पेमेंट करने में आसानी होगी. मोबाइल ऐप जैसी सुविधा से भी बड़ी-बड़ी डीलिंग की जा सकेगी.
क्या कहा RBI ने
इससे पहले आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांता दास ने पेमेंट बैंक के काम की तारीफ की थी और एमएसएमई, ट्रेडर्स और मर्चेंट के लिए इस प्लेटफॉर्म को सही बताया था. इसी दौरान उन्होंने डिपॉजिट की लिमिट को 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख कर दिया था. पेमेंट बैंक का अभी नियम है कि अगर कोई कस्टमर एक दिन में 2 लाख रुपये तक जमा रखता है तो एक ऑटो स्वीप अरेंजमेंट के तहत कस्टमर का एफडी अकाउंट खोला जाता है. यह एफडी उस पेमेंट बैंक के पार्टनर बैंक के साथ खोली जाती है जो अमूमन स्मॉल फाइनेंस बैंक होते हैं या प्राइवेट सेक्टर बैंक.
पेमेंट बैंक से एफडी का लाभ
उदाहरण के लिए फिनो पेमेंट बैंक और पेटीएम पेमेंट बैंक का सूर्योदय स्मॉल फाइनेंस बैंक के साथ साझेदारी है. अगर फिनो पेमेंट बैंक या पेटीएम पेमेंट बैंक के खाते में कोई कस्टमर एक दिन में2 लाख रुपये जमा रखता है तो उसका सूर्योदय बैंक में एफडी खाता खुलेगा. आरबीआई ने देश में पेमेंट बैंकों की शुरुआत करने की इजाजत इसलिए दी थी ताकि निचले तबके के लोगों को भी बैंकिंग की सुविधा दी जा सके, वह भी मोबाइल ऐप के जरिये. इसी में एयरटेल पेमेंट बैंक की भी शुरुआत हुई. इसके जरिये छोटे बिजनेस के लिए पेमेंट कर सकते हैं, असंगठित क्षेत्र के लोग पैसे जमा रख सकते हैं, भेज सकते हैं.