अफगानिस्तान के काबुल में एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए भीषण सीरियल ब्लास्ट में मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। तालिबान प्रवक्ता ने बताया है कि मरने वालों में तालिबान के भी 28 लड़ाके शामिल हैं। काबुल में हुए सीरियल ब्लास्ट में करीब 100 लोगों की मौत हुई है। तालिबान ने कहा है कि उसके लड़ाके काबुल एयरपोर्ट के बाहर सुरक्षा में लगे हुए थे। तालिबान का कहना है कि हमने इस ब्लास्ट में अमेरिका से ज्यादा अपने लोगों को गंवाया है। अमेरिका से ज्यादा तालिबान को चोट लगी है। काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट और गोलीबारी में करीब 13 अमेरिकी सैनिकों की जान गई है जबकि शेष अफगान नागरिकों की मौत हुई है। मरने वाले सभी लोग काबुल एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़ने की इंतजार में थे।
तालिबान ने हमला करने से किया इनकार
अफगानिस्तान से 31 अगस्त तक अमेरिकी सेना ने वापस जाने की बात कही है, उससे ही चार दिन पहले ये ब्लास्ट हुआ है। इस ब्लास्ट से वापसी की प्रक्रिया को धक्का लगा है। तालिबान का कब्जा होने के बाद यह पहली आतंकी घटना है। इस विस्फोट का पहला शक तालिबान पर ही गया था। तालिबान ने इस हमले में हाथ होने से इनकार किया। हमले कुछ देर बाद आईएसआईएस-के ने हमले की जिम्मेदारी ली।
सीरियल ब्लास्ट के बाद भी काबुल एयरपोर्ट से विदेशी नागरिकों, अमेरिकियों के निकाले जाने का अभियान रुका नहीं है। शुक्रवार सुबह से ही काबुल एयरपोर्ट से लोगों को निकालने का काम किया जा रहा है। माना जा रहा है कि बाकी बचे हुए दिनों में इस ऑपरेशन में तेजी आ सकती हैं। आने वाले कुछ दिनों में एयरपोर्ट पर इस तरह के हमले बढ़ सकते हैं, इसका डर बना हुआ है।