अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने का असर भारत पर भी दिखने लगा है। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने अफगानिस्तान के हालात और वहां आए तालिबान के शासन को लेकर सख्त बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जहां तक अफगानिस्तान की बात है तो हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वहां से भारत आने वाली किसी भी समस्या से हम उसी तरह निपटें, जिस तरह हम भारत में आतंकवाद से निपटते हैं। जनरल रावत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र और अफगान समस्या को अलग-अलग करार दिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों को एक ही चश्मे से देखना ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि यह दोनों पूरी तरह अलग-अलग मुद्दे है। ये दोनों मामले क्षेत्र की सुरक्षा के लिए चुनौती पेश करते हैं लेकिन ये दोनों अलग-अलग सतह पर हैं। यह दो समानांतर रेखाएं हैं, जो शायद ही कभी मिलें।
सीडीएस ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर सहयोग से आतंकियों की पहचान या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कुछ खुफिया जानकारी मिले तो इसका स्वागत होगा। इस जानकारी के आधार रणनीति बनायी जाएगी। जनरल रावत ने आगे कहा कि क्षेत्र में जब कहीं कुछ समस्या होती है तो हमें उसकी चिंता होती है। हमारे उत्तर पर मौजूद पड़ोसी (चीन) ही नहीं बल्कि हमारी पश्चिमी सीमा (पाकिस्तान) पर मौजूद पड़ोसी के पास भी परमाणु हथियार हैं। इसलिए हम दो ऐसे पड़ोसियों से घिरे हैं, जिनके पास ये कूटनीतिक हथियार हैं।
उन्होंने कहा भारत सभी मोर्चे पर तैयार है। उन्होंने कहा कि इसीलिए हम अपनी नीतियां लगातार विकसित कर रहे हैं। हम अपने पड़ोसियों के एजेंडे को समझने की कोशिश में है। हम इसी हिसाब से अपनी क्षमता विकसित कर रहे हैं। पारंपरिक तौर पर हम काफी मजबूत हैं और किसी भी दुश्मन से अपनी पारंपरिक सेना के जरिए ही निपटने में सक्षम हैं। सीडीएस के इस बयान को एक बड़े संदेश के रूप में देखा जा रहा है.