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GREENLAND की सबसे ऊंची चोटी पर हुई जमकर बारिश, मच सकती है भारी तबाही

आज के आधुनिक समय में लोग प्रकृति के साथ बहुत छेड़छाड़ कर रहे हैं जिसके उन्हें बुरे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इन्हीं सब के कारण दुनिया में काफी चिंताजनक घटनाएं सामने आ रही हैं। वहीं अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको देखकर लोगों की चिंता बढ़ गई है।

ये मामला ग्रीनलैंड (Greenland) का है, जिसकी सबसे ऊंची चोटी पर अब तक के इतिहास में पहली बार जमकर बारिश (Rain) हुई है। इस घटना से वैज्ञानिकों के साथ साथ लोगों की चिंता बढ़ गई है। यहां पर रिकॉर्ड लगभग 9 घण्टे जमकर बारिश (Heavy Rainfall) हुई जिसका अंदाजा लगाया गया है कि यहां लगभग 7 करोड़ टन पानी गिरा है। इस बारिश के कारण यहां फैली बर्फ की चादरें भी टूट गई हैं।

Rain falls on peak of Greenland ice cap for first time on record | Greenland  | The Guardian10 हजार फीट से अधिक ऊंची है यह छोटी

अमेरिका के नेशनल स्‍नो एंड आइस डेटा सेंटर (NSIDC) के अनुसार ग्रीनलैंड का यह सबसे ऊंचा शिखर 10,551 फीट ऊंचा है। इससे पहले यहां पर कभी भी बारिश नहीं हुई थी। इस साल 14 अगस्‍त को हुई इस बारिश की वजह से पिछले 10 सालों में तीसरी बार यहां का तापमान फ्रीजिंग प्‍वाइंट से अधिक हो गया था। इससे पहले आसपास के इलाकों में हुई बारिश की वजहं से यहां का तापमान शून्‍य से ऊपर चला गया था। यहां हुई बारिश ने पौने नौ लाख वर्ग किलोमीटर की बर्फ पिघला (Snow Melting) दी। बर्फ पिघलने का यह सिलसिला लगभग 4 दिन तक बड़े पैमाने पर जारी रहा। NSIDC के शोधकर्ता टेड स्कैमबोस ने बताया है कि 10,551 फीट ऊंचे इस शिखर पर ऐसी बारिश इतिहास में पहली बार हुई है।

Unprecedented in history!With torrential rain falling at an altitude of  3,200 meters in Greenland, a biological extinction event will begin? - iNEWSएक दिन में पिघली इतनी बर्फ

एक दिन की बारिश ने जितनी बर्फ पिघलाई है, उतनी तो यहां कई सप्ताहों में पिघलती है। टेड स्कैमबोस ने कहा कि पिछले 15 से 20 सालों में यहां क्‍लाइमेट में इतने परिवर्तन हो रहे हैं कि यहां के तापमान या बारिश होने के बारे में सही अंदाजा लगा पाना बहुत मुश्किल हो गया है। मौजूदा हालात बर्फीले इलाकों के लिए बहुत घातक हो चुके हैं। जुलाई में भी ग्रीनलैंड में बड़े पैमाने पर बर्फ पिघली थी।

समुद्रों में बढ़ जाएगा 20 फीट तक से ज्यादा पानी

ग्रीनलैंड काफी बड़ा बर्फीला इलाका है। इसमें फैली बर्फ की मात्रा का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि अगर ग्रीनलैंड की सारी बर्फ पिघल जाए तो पूरी दुनिया के समुद्रों का जलस्‍तर 20 फीट तक बढ़ जाएगा। इससे कई द्वीप और देश डूब जाएंगे। आप ये भी अंदाजा नहीं लगा सकते हैं की इससे कितना नुकसान हो सकता है।