अफगानिस्तान पर हथियार के बल पर कब्जा होने के साथ ही दुनिया का समीकरण बदलने लगा है। अफगानिस्तान से सेना वापस बुलाने और वहां तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की आलोचना लगातार हो रही है। अमेरिका के साथ बाइडेन के इस फैसले को लेकर कहा जा रहा है कि उनका यह निर्णय न सिर्फ अफगानिस्तान, बल्कि अमेरिका के लिए भी संकट पैदा करेगा। इस बीच एक रिपोर्ट में अलकायदा के मुखिया रहे ओसामा बिन लादेन द्वारा 2010 के दौरान लिखी गई एक चिट्ठी सामने आई है। दावा किया गया है कि इस खत में लादेन ने बाइडन के राष्ट्रपति बनने का जिक्र किया था। कहा था कि बाइडन खुद ही अमेरिका के सामने दिक्कतों का अंबार खड़ा कर देंगे। ओसामा का मानना था कि बाइडन अयोग्य राष्ट्रपति साबित होंगे। अब इस पत्र के सामने के साथ ही वर्तमान में तालिबान से जोड़ कर देखा जा रहा है।
9/11 हमले के बाद अमेरिका ने लादेन और अलकायदा से बदला लेने के लिए अफगानिस्तान पर हमला कर दिया था। जंग के दौरान लादेन कभी अमेरिका के हाथ नहीं आया. 10 साल बाद यानी 2 मई 2011 को अमेरिका ने उसे पाकिस्तान के एबटाबाद में ढूंढ निकाला। सीक्रेट मिलिट्री ऑपरेशन में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराया। इससे पहले 2010 में लादेन ने 48 पन्नों की लंबी चिट्ठी शेख महमूद नाम के शख्स को लिखी थी। इस चिट्ठी में ओसामा ने अपने संगठन अलकायदा को चेतावनी दी थी कि वह जो बाइडन को अपने निशाने पर न ले।
ओसामा का मानना था कि अगर तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा को कुछ होता है तो उनका उत्तराधिकारी जो बाइडन अमेरिका को बड़ी मुश्किल में फंसा देगा। इस चिट्ठी पर मई 2010 की तारीख लिखी हुई है। इस खत में 9ध्11 के मास्टरमाइंड ओसामा ने लिखा था कि बाइडन की हत्या के लिए उन्होंने किसी भी तरह की साजिश नहीं की थी। क्योंकि उसका मानना था कि बाइडन अमेरिका को संभालने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। बाइडेन की असफलता तालिबान, अलकायदा के लिए लाभ होगा। लादेन ने 48 पन्नों की चिट्ठी के 36वें पन्ने पर लिखा था कि वह हमला करने के लिए दो दस्ते तैयार करना चाहता है। एक दस्ता पाकिस्तान में और एक अफगानिस्तान में होगा।