जो रूट (Joe Root) ने एक बार अपनी शानदार बल्लेबाजी का परिचय दिया और भारत के खिलाफ लॉर्ड्स मैदान पर खेले जा रहे दूसरे टेस्ट में बेहतरीन शतक जड़ने में सफल रहे. इस दौरान रूट ने भारत के बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण का डटकर सामना किया. वह भारतीय गेंदबाजों की हर चुनौती के सामने पूरी हिम्मत के साथ खरे उतरे. उनकी इस पारी को देखकर हर कोई उनके खेल की तारीफ कर रहा है और उन्हें बेहतरीन बल्लेबाज बता रहा है. इसी बीच इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन (Mike Atherton) ने रूट की विश्व स्तरीय बल्लेबाजी के पीछे का राज खोला है. एथरटन ने बताया है कि क्यों रूट लगातार रन बना रहे हैं. एथरटन का मानना है कि इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान रूट को पिछले साल कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान अपनी बल्लेबाजी तकनीक पर काम करने का फायदा मिल रहा है.
इस साल 30 वर्षीय रूट टेस्ट क्रिकेट में बेहतरीन फार्म में हैं. शनिवार को उन्होंने भारत के खिलाफ लार्ड्स में भारत के खिलाफ शतक जड़ा और 180 रन बनाकर नाबाद रहे जिससे इंग्लैंड ने मेहमान टीम पर 27 रन की बढ़त हासिल की. रूट ने इस शतकीय पारी से टेस्ट क्रिकेट में 9000 रन भी पूरे किए. एथरटन ने ‘स्काई स्पोर्ट्स’ से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उसने लॉकडाउन के दौरान अपनी बल्लेबाजी पर कुछ शानदार काम किया है और उसे इसका फायदा मिल रहा है. यह सब तब हुआ जब वह 29 वर्ष का था और उसका करियर शानदार चल रहा था. ’’
रूट की पुरानी बात की याद
रूट की बल्लेबाजी पर बात करते हुए एथरटन ने उनके एक पुराने बयान का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन लॉकडाउन ने उसे आराम करने का मौका दिया और इस दौरान उसने कहा था, ‘मेरे करियर का दूसरा हाफ आने वाला है और मैं शानदार खिलाड़ी से सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक बन सकता हूं’. ’’
इस तरह की तैयारी
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान से क्रिकेट लेखक बने एथरटन ने कहा, ‘‘उसने बल्लेबाजी विश्लेषक से पिछले पांच वर्षों के उनके आउट होने के तरीके की वीडियो भेजने को कहा और उसने इन्हें बारीकी से देखकर उन कमियों को दूर करने का प्रयास किया. उसे इसका फल भी मिल रहा है. उसने अब थोड़ा सा तकनीकी बदलाव किया है और बल्लेबाजी करते हुए वह अपने पीछे वाले पैर को बिलकुल सीधा पीछे रखता है. इससे उसका एलबीडब्ल्यू आउट होने का मौका कम रहता है. ’’
रूट अपनी स्वर्णिम फॉर्म में
एथरटन ने कहा, ‘‘पिछले तीन वर्षों से वह सीम और तेज गेंदबाजी के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर अपनी सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजी करता है, लेकिन वह अब अपनी स्वर्णिम फॉर्म में है जो 2021 के शुरू हुई जब इंग्लैंड की टीम श्रीलंका गई थी. सबसे बेहतरीन चीज है कि वह कप्तानी और उम्मीदों के बोझ से दबा हुआ नहीं महसूस करता. इस पारी को ही देखिए, वह तब बल्लेबाजी करने उतरा था तब भारत ने दो गेंदों पर दो विकेट झटक लिए थे और यह हैट्रिक गेंद थी. ’’
एथरटन ने कहा, ‘‘वह जो रूट ‘द बैट्समैन’ है, जो रूट ‘द कैप्टन’ नहीं जो उम्मीदों और दबाव से दबा हुआ हो और वह पूरी आजादी के साथ खेलता है. ’’