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अंतरिक्ष से कैसा नजर आता है भारत पाकिस्‍तान का बॉर्डर, जानिए कैसे तय हु‍आ था दोनों देशों के बीच बॉर्डर

भारत और पाकिस्‍तान, सात दशक पहले जब एक ही देश के दो टुकड़े हुए तो ये दोनों देश अस्तित्‍व में आए. 14 अगस्‍त को पाकिस्‍तान अपना स्‍वतंत्रता दिवस मनाएगा तो अगले दिन 15 अगस्‍त को भारत अपनी आजादी का 75वां जश्‍न मनाएगा. आइए इस मौके पर आपको दोनों देशों के बीच मौजूद इस बॉर्डर के बारे में कुछ ऐसे फैक्‍ट्स के बारे में बताते हैं जिनसे आप अभी तक अनजान थे.

नासा ने जारी की थी खूबसूरत फोटोग्राफ

सितंबर 2015 में अमेरिका की स्‍पेस एजेंसी नासा ने एक फोटोग्राफ जारी की थी जो भारत-पाकिस्‍तान के बॉर्डर की थी. इससे पहले नासा ने 2011 में भी ऐसी ही एक तस्‍वीर जारी की थी जिसमें अंतरिक्ष से भारत और पाक के बीच बॉर्डर चमकता हुआ नजर आ रहा था. नासा ने बताया था कि इंटरनेशनल स्‍पेस सेंटर से पाकिस्‍तान में बहती सिंधु नदी को साफ देखा जा सकता है. वहीं अरब सागर के किनारे बसा कराची शहर भी जगमगाता हुआ नजर आ रहा था. दिन के समय भी भारत की रक्षा करता हुआ हिमालय भी साफ देखा जा सकता था.

दुनिया का सबसे खतरनाक बॉर्डर

आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत ने पाकिस्‍तान के साथ सटी सीमा पर पूरी 150,000 फ्लड लाइट्स इंस्‍टॉल करके रखी है. 50,000 पोल्‍स पर लगी इन लाइट्स की वजह से ही बॉर्डर स्‍पेस से साफ नजर आता है. भारत और पाकिस्‍तान का बॉर्डर दुनिया के सबसे खतरनाक बॉर्डर्स में से एक है. भारत और पाक की सेनाएं एक ओर जहां -60 डिग्री वाले वॉर जोन सियाचिन में तैनात रहती हैं. वहीं दूसरी ओर वह 50 डिग्री की भूनकर रख देने वाली गर्मी में भी अपने-अपने वतन की हिफाजत में लगी रहती हैं.

सर रेडक्लिफ ने तय की थी सीमा

भारत और पाकिस्‍तान के बीच बॉर्डर तैयार करने की जिम्‍मेदारी ब्रिटिश लॉयर सर सिरिल रैडिक्लिफ को दी गई थी. रेडक्लिफ वह शख्‍स थे जिन्‍होंने दोनों देशों के बीच बंटवारे में अहम भूमिका अदा की थी. रेडक्लिफ को जब जिम्‍मेदारी मिली तो वह पहली बार भारत आए. रेडक्लिफ की ही तरह उनके साथ भारत आई टीम को दोनों देशों के बारे में कुछ भी पता नहीं था. इसके अलावा न तो उन्‍हें और न ही उनकी टीम को इससे पहले बॉर्डर तैयार करने जैसे किसी काम का कोई अनुभव था.

नष्‍ट कर दिए थे सारे डॉक्‍यूमेंट्स

रेडक्लिफ किसी भी तरह से इस काम को पूरा करके वापस लौटना चाहते थे. उनको इस बात का अंदाजा था कि दोनों देशों के लोग इस बंटवारे के साथ ही म‍ुश्किलों को झेलने के लिए मजबूर होंगे. रेडक्लिफ ने भारत छोड़ते समय दोनों देशों के बीच बॉर्डर को तैयार करने वाले सभी डॉक्‍यूमेंट्स को ब्रिटेन छोड़ने से पहले नष्‍ट कर दिया था. जल्‍दबाजी में दोनों देशों के बीच सीमाएं निर्धारित हुईं और दोनों देशों के प्रतिनिधियों को आखिरी नतीजा पढ़ने के लिए सिर्फ दो घंटे का समय ही दिया गया था. सर सिरिल रेडक्लिफ के नाम पर ही वेस्‍ट पाकिस्‍तान से लेकर बांग्‍लादेश तक के बॉर्डर को रेडक्लिफ लाइन का नाम दिया गया.

LoC और बॉर्डर में है अंतर

दोनों देशों के बीच बॉर्डर की लंबाई 2,900 किमी तक फैली है. यह आं‍कड़ा पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग सर्विस यानी पीबीएस की ओर से दिया गया है. दोनों देशों के बीच गुजरात से लगी सीमाओं को इंटरनेशनल बॉर्डर और कुछ सीमा को एलओसी कहते हैं. एलओसी यानी लाइन ऑफ कंट्रोल वह लाइन है जिसे अंतराष्‍ट्रीय समुदाय नहीं मानता है लेकिन दोनों देश इसे स्‍वीकारते हैं. दोनों देशों के बीच संघर्ष के बाद एलओसी को शुरू किया गया.

वर्ष 1947 में दोनों देशों के विभाजन के बाद लगातार सीजफायर हुआ और फिर एलओसी अस्तित्‍व में आई. इस वर्ष पाक सेना की ओर से समर्थित आतंकी कश्‍मीर घाटी में दाखिल हुए और इन्‍हें इंडियन आर्मी ने खदेड़ा. इसके बाद 1948 में एलओसी यानी एक लाइन ऑफ कंट्रोल को शुरू किया गया. वर्ष 1971 में दोनों देशों के बीच जंग हुई और फिर 1972 में भारत और पाक के बीच शिमला समझौता हुआ. इस समझौते में ही दोनों देशों ने एलओसी को औपचारिक तौर पर स्‍वीकार किया.