राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच जारी विवाद को सुलझाने में कांग्रेस जुट गई है, लेकिन विवाद सुलझने की बजाय और उलझता ही जा रहा है. एक ओर मुख्यमंत्री गहलोत झुकने को तैयार नहीं हैं तो दूसरी ओर पायलट गुट का कहना है कि अब फैसला होना ही चाहिए. ऐसे में अब एक-एक करके कांग्रेस विधायकों को बुलाकर उनकी राय ली जा रही है. पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) के बीच विवाद सुलझने के बाद अब राजस्थान कांग्रेस का विवाद सुलझाने की कोशिश की जा रही है. इसलिए राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) और कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) को जयपुर भेजा गया था.
पूछे जा रहे 5 सवाल… ये दोनों गए तो थे विवाद सुलझाने लेकिन विवाद और बढ़ गया. पायलट गुट के विधायक वेद प्रकाश सिंह सोलंकी का कहना है कि इस बार पूरा इलाज होगा, क्योंकि आलाकमान उनकी सुन रहा है. तो वहीं, रफीक खान जैसे गहलोत गुट के विधायक मुख्यमंत्री की पैरवी कर रहे हैं. दोनों गुट के दावों के बीच अब कांग्रेस के एक-एक विधायक को विधानसभा में बुलाया जा रहा है और उनसे 5 सवाल पूछे जा रहे हैं.
1. क्या वो राजस्थान सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं?
2. क्या प्रभारी मंत्रियों और मंत्रियों के कामकाज से संतुष्ट हैं?
3. क्या आपके विधानसभा क्षेत्र में आपके सभी काम हो रहे हैं?
4. अपने इलाके में जिलाध्यक्ष या ब्लॉक अध्यक्ष किसे बनाना चाहते हैं?
5. राजस्थान में 2023 में सरकार कैसे रिपीट होगी?
आखिरी फैसला आलाकमान करेगा
अजय माकन विधायकों से इन पांचों सवालों पर राय लेकर लैपटॉप में दर्ज कर रहे हैं. बुधवार को जयपुर,सीकर, झुंझुनू, बारा, कोटा जैसे कई क्षेत्रों के विधायकों से राय ली गई. गुरुवार को भी अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा, टोंक, उदयपुर, राजसमंद समेत कई क्षेत्रों के विधायकों की राय ली जाएगी. सबसे आखिरी में माकन और वेणुगोपाल अशोक गहलोत और सचिन पायलट से मुलाकात करेंगे. उसके बाद दोनों के बीच सुलह का फॉर्मूला कांग्रेस आलाकमान तय करेगा.
गहलोत से मिलने पहुंचे माकन
कांग्रेस के 66 विधायकों से फीडबैक लेने के बाद अजय माकन मुख्यमंत्री गहलोत से मिलने पहुंचे. बताया जा रहा है कि विधायकों ने चार मंत्रियों के खिलाफ शिकायत की है. मंत्रियों के खिलाफ विधायकों ने मोर्चा खोला है तो अधिकारियों की मनमानी और सरकार में काम नहीं होने की बात भी कही गई है. उधर पायलट खेमे की तरफ से कहा जा रहा है कि 30 से ज़्यादा विधायकों ने 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत के लिए राजस्थान में सचिन पायलट की जरूरत बताई है.
गांधी परिवार से मिले पायलट!
इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना पूरा ध्यान विधायकों को खुश करने पर लगा रखा है. ऐसी खबरें भी आ रहीं हैं कि सचिन पायलट दिल्ली गए थे, जहां उन्होंने पहले अजय माकन से मुलाकात की और गांधी परिवार से भी मुलाकात की. सुलह के फॉर्मूले के अनुसार पायलट गुट के 5 विधायकों को मंत्री बनाना था मगर कहा जा रहा है कि अशोक गहलोत इसके लिए राजी नहीं हैं.