राजधानी दिल्ली के महेंद्र नगर पुलिस थाने में ही एक्स्टॉर्शन रैकेट (Extortion Racket) चलाया जा रहा था. हैरानी की बात ये है कि इसमें महिला सब-इंस्पेक्टर भी शामिल थी. इसका खुलासा तब हुआ जब एक डॉक्टर को रेप केस के नाम पर थाने बुलाया गया और उससे पैसों की डिमांड की गई. बाद में डॉक्टर के वकील ने थाने पहुंचकर रिकॉर्डिंग कर इस पूरे रैकेट का खुलासा कर दिया. इस मामले में डॉक्टर ने केस दर्ज करा दिया है और महिला एसआई को निलंबित कर दिया गया है.
26 जुलाई की रात को डॉक्टर को रेप केस की शिकायत के नाम पर पहले थाने बुलाया गया और उससे 50 लाख रुपये की डिमांड की गई. बाद में मामला 35 लाख रुपये में सेटल हुआ. उसी रात डॉक्टर से 2 लाख रुपये लिए गए और अगले दिन शाम 5 बजे तक बाकी के 33 लाख रुपये देने की शर्त पर उसे छोड़ दिया गया. अगले दिन डॉक्टर के वकील थाने पहुंचे और महिला सब इंस्पेक्टर और एक्स्टॉर्शन गैंग के साथ थाने में उसके ही कमरे में मुलाकात की. वकील के सामने भी 35 लाख रुपये की डिमांड की बात दोहराई गई.
इस पूरी बातचीत की वकील ने रिकॉर्डिंग कर ली. वकील ने लिखित में इसकी शिकायत एसएचओ को दी, लेकिन देर रात 2 बजे तक उसकी शिकायत नहीं ली गई. दो दिन बाद महिला एसआई ने डॉक्टर के खिलाफ रेप का केस दर्ज कर लिया. 28 जुलाई को पुलिस अधिकारियों ने एक्स्टॉर्शन गैंग पर FIR दर्ज करवा दी और महिला एसआई रचना को निलंबित कर दिया. इस रैकेट में दो महिलाएं और एक व्यक्ति भी शामिल है, जिसके बैंक खाते में 2 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे. अब इस मामले की जांच डीसीपी स्तर के अधिकारी करेंगे.