संसद के मानसून सत्र की शुरुआत ही हंगामे के साथ हुई और उसके बाद से कार्यवाही बाधित ही रही है। पिछले हफ्ते पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानून विरोधी आंदोलन सहित अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी हंगामे के कारण संसद चल नहीं सकी। गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र बीते 19 जुलाई से शुरू हुआ है और 13 अगस्त को समाप्त होगा।
वहीं संसद में काफी दिनों बाद ब्लैक मनी के बारे में सवाल पूछे गये। कांग्रेस सांसद विंसेंट एच पाला ने संसद में सरकार से पूछा कि क्या सरकार ये बताएगी कि बीते दस सालों में स्विस बैंकों में कितना काला धन जमा हुआ है, सरकार ने विदेशों से काला धन वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए हैं, कितने लोगों की गिरफ्तारी हुई है, कितने लोगों पर चार्जशीट दाखिल की गई है और कितना काला धन भारत आने वाला है और ये किससे और कहां से आएगा।
विपक्ष के इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि बीते 10 सालों में स्विस बैंक में कितना काला धन जमा हुआ, इसका कोई आधिकारिक अनुमान नहीं है। हालांकि सरकार ने काला धन वापस लाने के लिए काफी कोशिशें की है, सरकार ने हाल के वर्षों में विदेशों में जमा काला धन वापस लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार ने बताया कि 107 ब्लैक मनी एक्ट के तहत 107 शिकायतें दर्ज हुईं हैं।
ब्लैक मनी एक्ट के सेक्शन 10(3), 10(4) के तहत बीते 31 मई 2021 तक 166 मामलों में असेसमेंट ऑर्डर जारी हुए हैं, जिसमें 8 हजार 216 करोड़ रुपये की वसूली की गयी है। इसके अलावा एचएसबीसी केस में करीब 8 हजार 465 करोड़ रुपये की अघोषित आय पर टैक्स और पेनल्टी लगाई गई है, जो कि 1 हजार 294 करोड़ रुपये है। इंटरनेशनल कंसोरटियम आफ इंवेस्टीगेटिव जनर्लिस्ट केस में 11,010 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है। पैराडाइज पेपर लीक केस में 246 करोड़ रुपये की अघोषित रकम का पता चला है और पनामा पेपर लीक मामले में 20 हजार 78 करोड़ रुपये की अघोषित आय का पता चला है।