इंडोनेशिया कोरोना महामारी का केंद्र बना हुआ है। हालांकि हालात पूरे दक्षिणपूर्व एशिया में खराब हैं। बेकाबू संक्रमण के चलते मौतों का ग्राफ बढ़ गया है। इंडोनेशिया में मरीजों की भीड़ के आगे ऑक्सीजन का संकट गहराने लगा है, मरीज एक-एक सांस के लिए तड़प रहे हैं।
इंडोनेशिया में मरीजों की भारी भीड़ के चलते हालात पहले से भी बद्तर
भीड़ बढ़ने के कारण स्थिति पहले से भी बद्तर हो गई है। मलयेशिया में जमीन और स्ट्रेचर पर इलाज की नौबत आ गई है। वहीं म्यांमार में अंतिम संस्कार स्थलों और कब्रिस्तानों में दिन-रात लाशों के दफनाने का सिलसिला जारी है।
आपबीती: अस्पताल में मौत सामने नाच रही थी
मैं एरिक लैम (38) मलयेशिया के सबसे अमीर और सबसे अधिक आबादी वाले शहर सेलांगोर से हूं। 17 जून को कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। हालत खराब होने लगी तो अस्पताल पहुंचा तो वहां का नजारा देख मौत सामने नाचने लगी। लोगों का जमीन पर इलाज हो रहा था। लोग एक-एक सांस के लिए तड़प रहे थे। तीन सप्ताह तक अस्पताल में रहा। सबसे भयावह पल वो था जब एक मरीज को लगी मशीन लगातार बीप कर रही थी। दो घंटे बाद नर्स आई और उसने मशीन बंद कर दी। तब पता चला कि मरीज की मौत दो घंटे पहले हो चुकी थी और मैं लाश के किनारे वाले बेड पर था।
मानों मुझे दूसरा जन्म मिला हो!
लैम बताते हैं कि वो मौत के मुंह से निकले हैं। हालात खराब होने के चलते कई दिन तक वेंटिलेटर पर रहा लेकिन जिंदगी जीत गई। हालांकि मैंने अपने पिता तो पत्नी ने अपने दो भाईयों को खो दिया है जबकि एक अभी भी वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। अस्पतालों और मरीजों की हालत देख हिम्मत जवाब दे जाती है।
लापरवाही का नतीजा सामने है…
मलयेशिया में रेड क्रॉस एशिया प्रशांत के इमरजेंसी हेल्थ कॉर्डिनेटर अभिषेक रिमल बताते हैं कि टीकाकरण की कम दर, स्थानीय स्तर पर बरती गई लापरवाही और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का नतीजा सामने आने लगा है। अस्पताल भरे हैं, लोग बेड और इलाज के लिए तड़प रहे हैं लेकिन सभी को समय पर उपचार देना अब असंभव हो गया है। हालात ऐसे हैं कि आप कुछ भी कर लो जान बचाना बेहद मुश्किल हो गया है।
डब्ल्यूएचओ ने की इंडोनेशिया में लगे सख्त लॉकडाउन की सिफारिश
इंडोनेशिया में संक्रमण बेकाबू है। इसी बीच वहां की सरकार ने पाबंदियों में राहत देने का एलान कर दिया है। डब्ल्यूएचओ ने बृहस्पतिवार को इंडोनेशिया में सख्त लॉकडाउन की सिफारिश की है ताकि संक्रमण को बेकाबू होने से रोका जा सके। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इंडोनेशिया में संक्रमण बेकाबू है। पिछले पांच सप्ताह में संक्रमण की रफ्तार पांच गुना अधिक हो गई है। रोजाना होने वाली मौतों का आंकड़ा 1300 के पार हो गया है जो दुनिया में सभी देशों में रोज होने वाले मौतों से बहुत अधिक है। इसे देखते हुए 34 में से तेरह प्रांतों में सख्त लॉकडाउन की जरूरत है जिससे लोगों के जीवन को सुरक्षित किया जा सकता है।