न्यूयॉर्क में एक संघीय ग्रैंड ज्यूरी ने गुरुवार को नौ लोगों को बिना औपचारिक पंजीकरण के चीन के विदेशी एजेंट के तौर पर काम करने के लिए आरोपित किया है. नौ लोगों में से दो को न्याय में बाधा डालने और न्याय को बाधित करने के लिए षड्यंत्र रचने की खातिर भी आरोपित किया है (Chinese Spies in United States). आरोप के मुताबिक ये लोग चीन के एजेंट के तौर पर काम करते थे और अवैध एवं गोपनीय तरीके से अमेरिका के कुछ निवासियों का उत्पीड़न करते थे.
इन लोगों पर अमेरिकियों को धमकी देने का आरोप भी लगा है. यह ऐसा इसलिए करते थे ताकि उन्हें चीन लौटने के लिए मजबूर कर सकें (Operation Fox Hunt China). यह जानकारी ईस्टर्न डिस्ट्रिक ऑफ न्यूयॉर्क के कार्यवाहक अमेरिकी अटॉर्नी जैकलीन एम. कासुलिस ने दी. उन्होंने कहा, ‘गैर पंजीकृत, विदेश के किसी एजेंट को अमेरिका की धरती पर गोपनीय तरीके से अमेरिकी निवासियों की निगरानी करने की अनुमति नहीं है और उनके अवैध आचरण पर अमेरिकी कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी.’
क्या है ऑपरेशन फॉक्स हंट?
अभियोग पत्र के मुताबिक नौ लोगों ने जॉन डो और उनके परिवार को धमकी देने, उत्पीड़न करने और निगरानी करने में एक अंतरराष्ट्रीय अभियान के तहत हिस्सा लिया ताकि ‘ऑपरेशन फॉक्स हंट’ के तहत उन्हें चीन लौटने के लिए बाध्य किया जा सके (Operation Fox Hunt of China). यह चीन के जनसुरक्षा मंत्रालय की पहल है, जो चीन के कथित ‘भगोड़े’ नागरिकों का पता लगाकर उन्हें अमेरिका सहित विदेशों से वापस लाने का प्रयास करता है.
2014 में लॉन्च किया गया ऑपरेशन
जानकारी के मुताबिक ऑपरेशन फॉक्स हंट को साल 2014 में लॉन्च किया गया था. इसे ऑपरेशन स्काई नेट के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा दावा है कि इसके जरिए विदेश भागे 8 हजार लोगों को पकड़ा गया है (What is Operation Fox Hunt). इससे जरिए हत्यारों या ड्रग डीलरों को निशाना नहीं बनाया जाता बल्कि चीन के उन सरकारी अधिकारियों और व्यवसायियों को निशाने पर लिया जाता है, जिनमें से कुछ पर वित्तीय अपराधों का आरोप लगा है. इनमें से कई ने विदेशों में बेहतर जीवन की शुरुआत की थी. जबकि कई सरकार से असंतुष्ट माने जाते हैं.