इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मंगलवार को चौथे सीरो सर्वे (Sero Survey) के आंकड़े जारी कर दिए. ये सर्वे जून-जुलाई के बीच किया गया था. 28,975 लोगों पर किए गए इस सर्वे में 6 से 17 साल के बच्चों को भी शामिल किया गया था. सर्वे में शामिल 67.6% लोगों में कोविड एंटीबॉडी (Covid Antibody) मिली है यानी ये कोरोना संक्रमित हो चुके थे. इस सर्वे में 28,975 लोगों को शामिल किया गया था. इनमें 6 से 9 साल के 2,892 बच्चे, 10 से 17 साल के 5,799 बच्चे और 18 साल से ऊपर के 20,284 लोगों को शामिल किया गया था.
ICMR के डीजी डॉ. बलराम भार्गव (Dr. Balram Bhargava) ने सीरो सर्वे के नतीजे जारी करते हुए बताया कि सर्वे में सामने आया है कि देश की दो-तिहाई आबादी में कोविड एंटीबॉडी मिली है और अभी भी 40 करोड़ आबादी पर कोरोना का खतरा है. सर्वे में शामिल 6 से 17 साल के आधे से ज्यादा बच्चों में भी एंटीबॉडी पाई गई है. इसका मतलब हुआ कि दूसरी लहर में संक्रमण ने बच्चों को भी प्रभावित किया है.
सर्वे में क्या-क्या आया सामने?
– 6 से 9 साल के 57.2% और 10 से 17 साल के 61.6% बच्चों में कोरोना की एंटीबॉडी मिली है.
– 18 से 44 साल के 66.7%, 45 से 60 साल के 77.6% और 60 साल से ऊपर के 76.7% में एंटीबॉडी पाई गई.
– सर्वे में शामिल 69.2% महिलाओं और 65.8% पुरुषों में कोविड के खिलाफ एंटीबॉडी मिली.
– शहरी इलाकों में रहने वाले 69.6% और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 66.7% में एंटीबॉडी थी.
वैक्सीन ने दिखाया असर!
इस सर्वे में शामिल 12,607 लोग ऐसे थे जिन्होंने वैक्सीन (Vaccine) नहीं ली थी. 5,038 ऐसे थे जिन्हें एक डोज लगी थी और 2,631 को दोनों डोज लग चुकी थी. सर्वे में सामने आया कि वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले 89.8% में एंटीबॉडी पाई गई. वहीं, एक डोज लेने वाले 81% में एंटीबॉडी मिली. जबकि, जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी, ऐसे 62.3% लोगों में ही एंटीबॉडी मिली. इसलिए ऐसा माना जा सकता है कि वैक्सीन लेने के बाद एंटीबॉडी बन रही है.