विशेषज्ञों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम के मुताबिक बीते साल 2020 में कैंसर (Cancer) के 741,300 नए मामले या इसी दौरान सामने आए कैंसर के कुल नए मामलों से संबंधित 4 फीसदी रोगियों के इससे ग्रसित होने के पीछे उनकी शराब पीने की आदत को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. शोधकर्ताओं के मुताबिक इस पीरियड में उन्होंने दुनिया के करीब 240 देशों में शराब की बिक्री और वहां के चिकित्सा रिकॉर्ड्स का बारीकी से अध्यन किया तब जाकर ये नतीजे सामने आये हैं.
तीन तरह के कैंसर सबसे ज्यादा
शराब से जुड़े इस शोध में ये भी पाया गया कि इनमें अधिकांश मामले लीवर, ऑस्फेगस और ब्रेस्ट के कैंसर थे. इस लिस्ट में ब्रिटेन (UK) 38वें पायदान पर रहा जहां कैंसर के 4% मामले यानी कैंसर के 16,800 नए मरीजों के इस बीमारी से पीड़ित होने की वजह उनका ज्यादा मात्रा में शराब का सेवन करना रहा.
कोरोना महामारी के प्रभाव की स्टडी नहीं
अमेरिका (US) ने इस मामले में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया, जिसमें वहां करीब 3% कैंसर केस अत्यधिक शराब की खपत की वजह से सामने आए. ऐसे मरीजों की तादाद दुनिया के सबसे रईस देश में 52,700 रही. मंगोलिया सूची में पहले पायदान पर रहा जहां कैंसर के हर दस मरीजों में से एक मामला शराब के सेवन से जुड़ा था. इसी तरह कुवैत (Kuwait) जहां शराब पर बैन लगा है, वहां शराब के सेवन से जुड़े कैंसर के मामलों की संख्या सबसे कम रही. लेखकों ने स्वीकार किया कि उनका अध्ययन शराब पीने वालों पर कोरोना महामारी के प्रभाव को देखने में सक्षम नहीं था.
महिलाओं में कैंसर का खतरा
कम द लैंसेट ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक शोधकर्ताओं ने साल 2010 से अल्कोहल की बिक्री के आंकड़ों का इस्तेमाल किया. इस दौरान अल्कोहल की खपत और अन्य आंकड़ों को 2020 में कैंसर की घटनाओं के साथ जोड़ा गया. वैश्विक स्तर पर, शराब पीने की वजह से कैंसर के मामलों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ये बीमारी कम हुई. इस अध्ययन के लिए जुटाए गए सैंपल साइज के मुताबिक शराब की वजह से कैंसर ग्रसित होने वाले रोगियों में करीब 77% पुरुष और 23% महिलाएं इसका शिकार हुईं.