अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी दौरे पर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘रुद्राक्ष’ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग सम्मेलन केंद्र का उद्घाटन करेंगे। मोदी के साथ जापान के प्रतिनिधि भी रहेंगे। रुद्राक्ष को जापानी शैली में सजाया जा रहा है। जैपनीज फूलों की सुगंध रुद्राक्ष में फैलेगी। रुद्राक्ष कन्वेंसन सेंटर परिसर में प्रधानमंत्री रुद्राक्ष के पौधे को भी लगाएंगे। रुद्राक्ष कन्वेंसन सेंटर में इन्डोजापन कला और संस्कृति की झलक भी दिखेगी। रुद्राक्ष कन्वेंसशन सेंटर पर बने 3 मिनट के ऑडियो विजुअल को भी ‘रुद्राक्ष’ में प्रधानमंत्री मेहमानों के साथ देखने की संभवना है। प्रधानमंत्री मोदी रूद्राक्ष में करीब 500 लोगों से संवाद करना भी प्रस्तावित है।
दुनिया के सबसे प्राचीन शहर काशी को जापान ने भारत से दोस्ती का एक ऐसा नायाब तोहफा रुद्राक्ष के रूप में दिया है, जहां आप बड़े म्यूजिक कंसर्न, कांफ्रेंस, नाटक और प्रदर्शनियां जैसे कार्यक्रम दुनिया के बेहतरीन उपकरणों और सुविधाओं के साथ कर सकेंगे। कन्वेंशन सेंटर की नींव 2015 में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में पड़ी थी। शिवलिंग की आकृति वाला वाराणसी कन्वेंशन सेंटर जिसका नाम शहर के मिजाज के अनुरूप रुद्राक्ष है। इस सेन्टर में स्टील के 108 रुद्राक्ष के दाने भी लगाए गए है। जितना खूबसूरत ये देखने में लग रहा है, उतनी ही इसकी खूबियां भी है।
ऐसा है रुद्राक्ष
वाराणसी के सिगरा में तीन एकड़ (13196 वर्ग मीटर ) में 186 करोड़ की लागत से बने रुद्राक्ष में 120 गाड़ियों की पार्किंग बेसमेंट में हो सकती है। ग्राउंड फ्लोर और प्रथम तल को लेकर हाल होगा जिसमे वियतनाम से मंगाई गई कुर्सियों पर 1200 लोग एक साथ बैठ सकते है। दिव्यांगों के लिए भी दोनों दरवाजो के पास 6-6 व्हील चेयर का इंतजाम है। इस सेन्टर के शैचालय भी दिव्यांगों के फ्रेंडली बनाए गए है। हाल में बैठने की छमता पार्टीशन से कम या ज्यादा भी किया जा सकता है। कलाकारों के लिए आधुनिक ग्रीन रूम भी बनाया गया है। 150 लोगों की क्षमता वाला दो कॉन्फ्रेंस हाल, गैलरी भी है। यह हाॅल दुनिया के आधुनिकतम उपकरणों से सुसज्जित है। इस हॉल को भी जरूरत के मुताबिक बड़ा या छोटा किया जा सकता है। रुद्राक्ष को जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने फंडिंग किया है। डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएण्टल कंसल्टेंट ग्लोबल ने किया है। रूद्राक्ष का निर्माण का काम भी जापान की फुजिता कॉरपोरेशन नाम की कंपनी ने किया है।
इस सेन्टर में छोटा जैपनीज गार्डन बनाया गया है। सेन्टर पर 110 किलोवाट की ऊर्जा के लिए सोलर प्लांट लगा है। वीआईपी रूप और उनके आने-जाने का रास्ता भी अलग से है। रुद्राक्ष को वातानुकूलित रखने के लिए इटली के उपकरण लगाये गये है।दीवारों पर लगे ईंट भी ताप को रोकते और कॉन्क्रीट के साथ फ्लाई ऐश का भी इस्तेमाल किया गया है। निर्माण और उपयोग की चीजों को देखते हुए ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटेट असेसमेंट की और से रुद्राक्ष को ग्रेडिंग तीन मिली है। रुद्राक्ष में कैमरा समेत सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम है। आग से भी सुरक्षा के उपकरणों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।