अगर आप मोबाइल फाइनेंस करा रहे हों तो सावधान हो जाइए. आपके ही दस्तावेज से आपकी जेब पर डाका डाल सकता है. शहर में ठगी करने वाल गिरोह सक्रिय है. गिरोह ग्राहक के दस्तावेजों से पेटीएम वॉलेट बनाकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं. इसके बाद वॉलेट से अपने खाते में पैसे ट्रांसफर कर लेते हैं. साथ ही मोबाइल नंबर पोर्ट किए जाने से ग्राहक को फर्जीवाड़े का पता नहीं चलता है. पुलिस ने फिलहाल गिरोह का एक सदस्य गिरफ्तार है, जबकि बाकी की तलाश की जा रही है.
भोपाल सायबर क्राइम ब्रांच में एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि उनका मोबाइल नम्बर पोर्ट हो गया है. उनके खाते से पैसे भी निकाल लिए गए हैं. पुलिस ने इसकी जांच की तो पता चला कि आरोपी ने मोबाइल फाइनेंस के नाम पर ग्राहक के दस्तावेज का उपयोग करके खाते से 10 हजार 856 रुपए की धोखाधड़ी की.
इस तरह पकड़ में आया आरोपी
पुलिस ने तकनीकी एनालिसिस के आधार पर यह भी पता लगा लिया कि फरियादी के रुपए पेटीएम वॉलेट में गए हैं और इन रुपयों को खर्च भी कर लिया गया है. इसके बाद पुलिस ने पेटीएम वॉलेट के उपयोगकर्ता के खिलाफ धारा 420 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया है. आरोपियों को पकड़ने के लिए सायबर क्राइम की टीम ने तकनीकि जाल फैलाया और एक आरोपी को गिरफ्तार किया. आरोपी से एक मोबाईल फोन और एक सिम मिली है.
वारदात करने की गजब की तकनीक
पुलिस ने बताय कि आरोपी मोबाइल फाइनेंस करने के नाम पर ग्राहकों के दस्तावेज अपने पास रख लेते थे. उन्हीं दस्तावेजों का उपयोग करके ये अपराधी पेटीएम वॉलेट अपने नाम से बना लेते थे और पैसे अपने खाते मे ट्रांसफर कर लेते थे. ग्राहक का खाते से लिंक मोबाइल नंबर भी पोर्ट कर देते थे. इस तरीके से ग्राहक को पता भी नहीं चलता था कि उसके खाते से पैसे निकल रहे हैं.
आरोपी लोगों से खुद संपर्क करके उनके दस्तावेज जुटाने का काम करता था. पुलिस ने शिकायत के आधार पर एक मामले का खुलासा कर दिया. लेकिन, आरोपी से पूछताछ जारी है. पुलिस को शक है कि आरोपी ने इसी तरीके से कई लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया होगा.