डॉक्टर को भगवान् का दूसरा रूप कहा जाता है मगर जब कोई डॉक्टर अपने इस पेशे के साथ खिलवाड़ करे और जिसकी वजह से किसी की जान चली जाये तो उसे निर्दयी डॉक्टर ही कहा जायेगा। ऐसा ही कुछ यूपी के प्रयागराज में एक निजी अस्पताल में अमानवीयता का केस सामने आया है। यहां इलाज के लिए पूरी रकम न दे पाने के कारण 3 साल की बच्ची को ऑपरेशन टेबल से उसी हाल में वापस कर दिया गया। उस मासूम का पेट सिले बिना ही उसे अस्पताल के बाहर कर दिया गया। पैसों के बिना इलाज के अभाव में बच्ची की हालत बिगड़ती चली गई और उसने प्राण त्याग दिए।
प्रयागराज के करेली इलाके के रहने वाले ब्रह्मदीन मिश्रा की तीन साल की बेटी को पेट में समस्या थी। माता-पिता ने उपचार के लिए प्रयागराज के धूमनगंज के रावतपुर एक बड़े निजी अस्पताल में एडमिट कराया। कुछ दिन बाद डॉक्टर ने बच्ची के पेट का ऑपरेशन किया गया। इसके बाद उस बच्ची का एक और ऑपरेशन हुआ। बच्ची के पिता के अनुसार इस ऑपरेशन का डेढ़ लाख रुपए ले लेने के बाद भी अस्पताल प्रशासन ने पांच लाख की मांग की। जब रुपए नहीं दे पाए तो हॉस्पिटल प्रशासन ने बच्ची समेत परिवार को बाहर भेज दिया और कहा कि अब इसका उपचार यहां नहीं हो पाएगा।
इसके बाद अपनी बेटी को लेकर पिता कई अस्पताल तक गए। मगर किसी भी हॉस्पिटल में उसे इलाज नहीं मिला। सभी हॉस्पिटल ने कहा कि बच्ची की हालत बहुत क्रिटिकल है, वह नहीं बच पाएगी। जिसके बाद बच्ची की मौत हो गई और उसने उपचार के अभाव में जान गंवा दी। मृतक बच्ची के पिता ने आरोप लगाया कि डॉक्टर्स ने बच्ची के ऑपरेशन के बाद सिलाई, टांका नहीं किया और परिवार को ऐसे ही सौंप दिया। यही कारण दूसरे अस्पतालों में बच्ची का इलाज करने से मना कर दिया। बाद में उपचार के अभाव में बच्ची ने जान गंवा दी।
निराश पिता ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बेटी के उपचार के लिए लोगों से गुहार लगाई। वीडियो में पिता ने अपने बच्चे की सीजर का खुला हुआ पेट भी दिखा रहा है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी तेजी से वायरल हो गया। वहीं अब सोशल मीडिया पर लोग जिला प्रशासन के साथ सीएम और प्रधानमंत्री से हॉस्पिटल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील कर रहे हैं।
गंभीरता से देखते हुए प्रयागराज के जिलाअधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने इस पूरे घटनाक्रम के लिए जांच टीम बना दी है। बता दें एडीएम सिटी और प्रयागराज सीएमओ की संयुक्त टीम पूरे घटनाक्रम का जांच करेंगे। डीएम ने कहा इस पूरे घटनाक्रम के हर पहलुओं की सही से जांच करने के बाद यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसे खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।