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सोशल मीडिया के लिए बन गए सख्त नियम, आई नई गाइडलाइंस, कंपनियों के पास 3 महीने का समय, समझें पूरी डिटेल्स

टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सोशल मीडिया कंपनियों के लिए गाइडलाइन तय की है. उन्होंने कहा कि ये गाइडलाइन फॉलो करने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों के पास 3 महीने का समय होगा. हालांकि इसके लिए किसी तरह का नया कानून नहीं बना है और ये IT Act के अंदर ही आएगा. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया भारत में बिजनेस कर सकता है. इसमें कोई दिक्कत नहीं है. सोशल मीडिया ने आम इंडियन को मजबूत किया है. इसके लिए हम सोशल मीडिया की तारीफ भी करते हैं.

रविशंकर प्रसाद के मुताबिक भारत में सोशल मीडिया का दोहरा चरित्र (डबल स्टैंडर्ड) दिखता है. दूसरे देशों में ऐसा नहीं है. हाल ही में लाल किला के मामले पर उन्होंने कहा कि भारत में सोशल मीडिया का डबल स्टैंडर्ड दिखता है. इसलिए ऐसा नहीं चलेगा और उन्हें रेस्ट्रिक्शन फॉलो करना होगा. सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म रेग्यूलेशन के लिए कई प्वाइंटर्स गिनाए गए हैं. इनमें ग्रिवांस रिड्रेसल, वेरिफिकेशन से लेकर कंटेंट हटाए जाने तक शामिल है. सरकार या कोर्ट ऑर्डर पर सोशल मीडिया कंपनियों को कंटेंट हटाने होंगे.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये महत्वपूर्ण है कि सोशल मीडिया यूजर्स को उनकी समस्या का समाधान करने का कोई प्लैटफॉर्म दिया जाए. ये ऑप्शन मिले कि टाइम बाउंड मैनर में उनकी समस्या का समाधान मिले.

मुख्य प्वाइंट्स…

— टेक कंपनियों को शिकायत अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी

— चीफ कंपलायंस ऑफिसर की तैनाती करनी होगी

— कानूनी एजेंसियों से तालमेल के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी

— हर छह महीने में शिकायतों और उन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देनी होगी

कंटेट कहां से शुरु हुआ यह बताना पड़ेगा, फर्स्ट ओरिजिनेटर बताना पड़ेगा कि खुराफात कहां से शुरु हुई

— भारत की संप्रभुता, कानून व्यवस्था, हिंसा आदि के बारे में पहले ट्वीट किसने किया

— ऐसे अपराध जिनकी सजा पांच साल से अधिक है उनमें बताना पड़ेगा

— सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को स्वच्छैकि वैरिफिकेशन यूजर का ऑप्शन देना होगा

— अगर किसी यूजर का कंटेट हटाया जा रहा है या उसकी ऐक्सिस रोकी जा रही है तो उसे बताना पड़ेगा कि ऐसा क्यों हुआ हम तीन महीने में इसे लागू करेंगे

24X7 कॉन्टैक्ट…

सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म से किसी भी गलत संदेश या ट्वीट का ऑरिजिन मांगा जाएगा. इन कंपनियों को 24X7 प्वाइंट ऑफ कॉन्टैक्ट बनाना होगा ताकि कोई भी यूजर इनसे कॉन्टैक्ट कर सके. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत ने कहा कि भारत में YouTube और Facebook जैसे प्लैटफॉर्म के यूजर्स करोड़ों में हैं. इसलिए ये जरूरी है कि भारत की सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिहाज से इन पर रेस्ट्रिक्शन लगाया जाना चाहिए. सोशल मीडिया कंपनियों को ग्रिवांस रीड्रेसल मैकेनिज्म रखना होगा और एक शख्स होगा जिसे आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे.

शिकायत के बाद अगर 24 घंटे के अंदर कंटेंट को हटाना होगा जो महिला से जुड़ा होगा. सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में नोडल ऑफिसर रखना होगा, चीफ कंप्लाइंस ऑफिसर रखना होगा, रेसिडेंट ग्रिवांस ऑफिसर रखना होगा. हर महीने रिपोर्ट देना होगा कि कंपनियों ने क्या किया. कितने पोस्ट डिलीट किए और क्या ऐक्शन लिया गया है. सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म को सरकार को जवाब देना पड़ेगा. ट्वीट या पोस्ट का ऑरिजिन क्या है. सरकार या कोर्ट ऑर्डर मिलने पर सोशल मीडिया कंपनियों को उसका ऑरिजिन बताना पड़ेगा.

सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर कोई गलत जानकारी है तो सरकार के कहे जाने के पास उस कंटेंट को हटाना पड़ेगा. अगर किसी के यूजर का अकाउंट ब्लॉक कर रहे हैं तो उसे कंपनियों को जवाब देना होगा और सुनना होगा. ये सब तीन महीने में होगा. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि इनका उल्लंघन करने पर सोशल मीडिया कंपनियों पर IT ACT के तहत ही ऐक्शन लिया जाएगा. विशंकर प्रसाद के मुताबिक इस गाडललाइन का उद्देश्य यह है कि सोशल मीडिया खुद यह काम कराए. इसलिए वे खुद स्वैच्छिक काम करे कि गुमनाम अकाउंट सोशल मीडिया पर न हों.

रविशंकर प्रसाद : फर्स्ट ओरिजिनेटर की हम जब बात करते हैं तो हम यह जानना चाहते हैं कि खुराफात किसने शुरू की। कंटेट के बारे में जानकारी नहीं चाहते. वो भी ऐसे उल्लंघन जहां सजा पांच साल से अधिक है.