दुनिया के कई हिस्सों में लगातार भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस होते हैं. लेकिन क्या हो जब भूकंपों की एक श्रृंखला शुरू हो जाए? अगर ऐसा होता है तो दो चीजें होने लाजिमी हैं. पहली चीज- बड़े स्तर पर इमारतों और बिल्डिंगों को नुकसान पहुंचेगा. दूसरी चीज- बड़े पैमाने पर लोगों की मौत होगी. ऐसा ही कुछ हुआ आज के दिन इटली (Italy) के कालब्रिया (Calabria) में. जब शक्तिशाली भूकंपों की एक श्रृंखला शुरू हुई और दो महीने तक लगातार पांच भूकंप (5 Earthquake) आए. पहले दो भूकंपों से तो सुनामी (Tsunami) आ गई. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर बताया जाता है कि करीब 30 हजार से 50 हजार लोगों की मौत हो गई. रिक्टर स्केल पर इन भूकंपों की तीव्रता 5.9 से अधिक रही.
तारीख थी पांच फरवरी 1783, इटली उस समय एकीकृत नहीं था और कई प्रांतों पर अलग-अलग राजाओं का शासन था. दक्षिण इटली में स्थित कालब्रिया नेपल्स साम्राज्य का हिस्सा था. भूकंप के चलते सुनामी आ गई और इसका प्रभाव इतना अधिक था कि इसने तटीय इलाकों को अपने आगोश में ले लिया. तटीय क्षेत्रों में रहने वाले देखते-ही-देखते मौत की नींद सो गए. पहला भूकंप पांच फरवरी को आया और इसी दिन सुनामी आ गई. वहीं, दूसरी सुनामी मार्च में आई, जब लोगों के आशियानें उजड़ गए और लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
पहले भूकंप में 25 हजार लोगों की हुई मौत
पांच फरवरी को पहला भूकंप आया और बताया जाता है कि इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 7.0 रही होगी. इस भूकंप ने पूरे सिसिली में भारी तबाही मचाई. सिलिली में स्थित द्वीपों पर बसे गांव पूरे तरह से तबाह हो गए. इस पूरे घटनाक्रम में 25 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई. इसके बाद आई एक शक्तिशाली सुनामी, जिसने मेसिना के दोनों किनारों पर तट रेखा को प्रभावित किया, जिससे मेसिना की बंदरगाह की दीवारें नष्ट हो गईं. भूकंप और इसके बाद सुनामी ने यहां भयंकर तबाही मचाई.
भूकंप से बचने के लिए तटों पर गए और सुनामी ने तबाही मचाई
जब इस क्षेत्र में भूकंप आया तो लोग खुद को बचाने के लिए अगले दिन तटों पर खुले में चले गए. रात का समय था, लोग अपने आशियानें के उजड़ जाने के बाद तटों पर खुले आसमान के नीचे सो रहे थे. इसी दौरान 6.2 तीव्रता का एक और भूकंप आया. लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई. लोगों ने अभी खुद को शांत किया ही था कि समुद्र की तरफ से ऊंची लहरें उठना शुरू हो गईं. ये देख तटों पर रात गुजार रहे लोग डर गए और जमीन की तरफ भागने लगे. लेकिन इस दिन के लिए उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था. जब तक लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंच पाते, तब तक सुनामी ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया. लहरें 200 मीटर अंदर तक आ गईं. इस तरह 1500 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
दो महीने में 50 हजार लोगों की हुई मौत
पूरे कालब्रिया में इसके बाद तीन भूकंप और आए. 5 और 6 फरवरी के भूकंप और सुनामी के बाद सात फरवरी को एक बार फिर भूकंप आया. इन भूकंपों के चलते अभी तक जो इमारतें किसी तरह खड़ी थीं. वो अब धराशायी होना शुरू हो चुकी थीं. इस कारण इसमें रहने वाले हजारों लोगों की मौत हुई. भूंकप के चलते बोर्गिया, गिरीफाल्को, माय्दा, कोर्टेल में सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. भूकंप और सुनामी के बाद भूस्खलन ने भी लोगों की कड़ी परीक्षा ली. इस तरह ये मौत का मंजर पूरे दो महीने तक चलता और 28 मार्च को आए आखिरी भूकंप के बाद ये सिलिसिला खत्म हुआ. तब तक इस पूरे घटनाक्रम में 30,000 से 50,000 लोगों की मौत हो चुकी थी.