दो महीने से भी ज्यादा समय से दिल्ली की सीमाओं पर किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रदर्शन के तीन प्रमुख केंद्रों में से एक सिंघु बॉर्डर पर पुलिस के साथ टकराव के बाद अब सिंघु बॉर्डर किले में तब्दील हो चुका है. वहीं गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर भी किसानों की संख्या बढ़ने लगी है.
गाजीपुर बॉर्डर अब किसानों के साथ साथ राजनेताओं का भी मंच बनता जा रहा है. अकाली नेता सुखबीर सिंह बादल राकेश टिकैत से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे और टिकैत को सम्मान के रूप में तलवार भेट की. इसके अलावा अपने साथ लाए गए पानी को भी पिलाया. इस दौरान बादल ने कहा, ‘मैं आज समूचे देश के किसानों की तरफ से राकेश टिकैत को बधाई देने आया था, मेरे पिता प्रकाश सिंह बादल और इनके पिता महेंद्र सिंह टिकैत ने साथ में मिलकर किसानों की लड़ाई लड़ी, हमारी पार्टी और सारे किसान इनके साथ हैं. प्रधानमंत्री को किसानों के मन की बात सुननी चाहिए, जब तक कानून वापस न हों तब तक हटना नहीं. सरकार इस लड़ाई को एक धर्म की लड़ाई बताना चाहती है लेकिन ये पूरे देश की लड़ाई है.’