शिवराज सरकार ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को सातवें वतेनमान का लाभ दे दिया है, लेकिन पंचायत सचिव इससे वंचित हैं. इसके मद्देनजर पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बीते दिनों केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की थी. भोपाल. राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य ने पंचायत सचिवों को सातवें वेतनलाभ दिलवाने का आश्वासन दिया है. ऐसे में अब ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या सिंधिया मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर दबाव बढ़ाएंगे. क्योंकि पंचायत सचिव संगठन का कहना है कि अभी तो उन्हें छठवां वेतनमान ही नहीं मिला. ऐसे में सिंधिया ये आश्वासन किसी तरह पूरा करेंगे, ये देखना दिलचस्प होगा.
गौरतलब है कि शिवराज सरकार ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को सातवें वतेनमान का लाभ दे दिया है, लेकिन पंचायत सचिव इससे वंचित हैं. इसके मद्देनजर पंचायत सचिव संगठन के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बीते दिनों केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की थी. शर्मा ने भाजपा के दोनों वरिष्ठ नेताओं को अपनी मांगों से अवगत कराया. पंचायत सचिव संगठन की मामले को गंभीरता से लने की अपील।
दिनेश शर्मा ने सिंधिया और तोमर को यह भी बताया कि अभी तो पंचायत सचिवों को छठवां वेतनमान ही पूरा नहीं मिला. इसलिए इस मामले को गंभीरता से लिया जाए. वहीं, उन्होंने नेताओं को इस बात से भी अवगत कराया कि पंचायत सचिवों के लिए अनुकंपा नियुक्ति में भी कई तरह की समस्याएं आ रही हैं. उनके मुताबिक, तोमर और सिंधिया ने उनसे 7वें वेतनमान को पूरा करने का आश्वासन दिया है.
सज्जन सिंह वर्मा ने कहा था- दबाव बढ़ाएंगे सिंधिया
कांग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा (Sajjan Singh Verma) ने 4 जनवरी को कहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया नटखट हैं और भाजपा को इनका यह दबाव लंबे समय तक झेलना पड़ेगा. वर्मा ने कहा था कि शिवराज अपना दिल मजबूत कर लें. उन्हें ये दबाव अभी और भी झेलना है. पूर्व मंत्री ने कहा था – भारतीय जनता पार्टी का ग्रास रूट कार्यकर्ता, कई बार विधायक रह चुके नेता अपने लिए कुछ न कुछ राह देख रहे हैं. इन सभी के साथ न्याय होना चाहिए. भाजपा असंवैधानिक काम कर ही है. इतिहास में अभी तक इतने दिनों तक कोई प्रोटेम स्पीकर के पद पर नहीं रहा. भाजपा पूरा मंत्रिमंडल का विस्तार करके तो देखे फिर देखिए पार्टी में कितनी बगावत है.